उपद्रवियों को उत्पात मचाने से रोका तो किसी पुलिसकर्मी के तोड़े हाथ तो किसी का फोड़ा सिर
बलजीत सिंह बताते हैं कि ट्रैक्टर परेड को लेकर घासीपुरा में हमने बैरिकेडिंग की थी। बस व जेसीबी को बीच सड़क पर लगा दिया था जिससे कि तय रूट के मुताबिक ही ट्रैक्टर परेड निकाली जा सके। उन्होंने कहा कि दोपहर दो बजे तक सब कुछ ठीक चल रहा था।
नई दिल्ली, राहुल चौहान। ट्रैक्टर परेड के नाम पर राजधानी में अराजकता फैलाने वाले उपद्रवियों ने दिल्ली पुलिस के सब्र का इम्तेहान लेते हुए जमकर उत्पात मचाया। बसों के शीशे तोड़े वहीं, बैरीकेडिंग को ध्वस्त करते हुए अपने मन मुताबिक रास्ता बनाते चले गए। इतना ही नहीं देश की धरोहर में शामिल लालकिले में भी घुसकर जमकर उत्पात मचाया साथ ही पुलिसकर्मियों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। उपद्रवी न सिर्फ हथियारों से लैस थे बल्कि कई ने तो शराब भी पी रखी थी।
हालत यह थी कि अगर पुलिसकर्मी उन्हें बैरिकेडिंग तोड़ने या सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने से रोकते तो वे लाठी और तलवार से उन पर वार कर घायल करने से भी पीछे नहीं हट रहे थे। उपद्रवियों द्वारा करीब 300 पुलिसकर्मियों को घायल करने की बात सामने आ रही है। मोहन गार्डन थानाध्यक्ष बलजीत सिंह, वजीराबाद थानाध्यक्ष पीसी यादव, हेड कांस्टेबल शेखर और वायरलेस आपरेटर संदीप सहित कई पुलिसकर्मियों पर हमला कर इन्हें घायल कर दिया। मोहन गार्डन थानाध्यक्ष बलजीत सिंह के दोनों हाथ तोड़ दिए तो वहीं, लालकिले में तैनात वजीराबाद थानाध्यक्ष पीसी यादव का सिर फोड़ दिया। घायल पुलिसकर्मियों ने बातचीत में आपबीती बताई।
बलजीत सिंह बताते हैं कि ट्रैक्टर परेड को लेकर घासीपुरा में हमने बैरिकेडिंग की थी। यहां पर बस व जेसीबी को बीच सड़क पर लगा दिया गया था, जिससे कि तय रूट के मुताबिक ही ट्रैक्टर परेड निकाली जा सके। उन्होंने कहा कि दोपहर दो बजे तक सब कुछ ठीक चल रहा था। तीन बजे के आसपास अचानक सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर पर उपद्रवी बैरिकेडिंग के पास पहुंचे। उन्हें समझाने की कोशिश की गई कि वे अपने तय रूट पर ही परेड निकालें। लेकिन, उन पर इस बात का कोई असर नहीं हुआ और वे तोड़फोड़ करने लगे। इस दौरान कुछ उपद्रवियों ने बसों के शीशे तोड़ दिए। कई लोगों ने शराब भी पी रखी थी।
कई उपद्रवी इस तरह बेकाबू थे कि जो भी पुलिसकर्मी सामने आकर उन्हें रोकता उसी को दौड़ाकर पीटने लगते थे। जब उसे ऐसा करने से मना किया तो उपद्रवी ने मेरे दोनों हाथों पर लाठी से जोरदार वार किया। मेरे दोनों हाथों में प्लास्टर है। पश्चिमी जिले की संयुक्त पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह ने बलजीत सिंह के घर जाकर मुलाकात की और उनका हालचाल लिया। फिलहाल कुछ पुलिसकर्मी अस्पतालों में भर्ती हैं, जहां इनका इलाज चल रहा है। वहीं, कुछ पुलिसकर्मियों को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है।
लालकिले में घुसते ही उपद्रवियों ने उत्पात मचाना शुरू कर दिया। जब वे प्राचीर पर चढ़ने लगे तो उन्हें रोकने की कोशिश की। इस बीच कई उपद्रवियों ने एक साथ मिलकर घेर लिया और लाठी-डंडों से पीटना शुरू कर दिया। जिससे काफी चोट लगी है।
संदीप कुमार, घायल वायरलेस आपरेटर
जब उपद्रवियों ने लाल किले में घुसने का प्रयास किया तब मैं अन्य साथियों के साथ वहीं तैनात था। उपद्रवी लाठी, डंडे और तलवार लिए हुए थे। जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो उपद्रवियों ने मेरे ऊपर तलवार से वार किया। इससे मेरा हेलमेट टूटा और सिर फट गया। इससे मैं बेहोश हो गया। साथियों ने किसी तरह मुझे संभाला और अस्पताल पहुंचाया।
पीसी यादव, घायल थानाध्यक्ष वजीराबाद
उपद्रव के समय मैं आइटीओ पर तैनात था यहां जैसे ही उपद्रवियों ने उत्पात मचाना शुरू किया तो उन्हें रोकने की कोशिश की। इसी बीच एक उपद्रवी ने धारदार हथियार से हमला कर दिया, जिससे हाथ के पंजे में गहरी चोट लगी है। उपद्रवियों पर खून सवार था। वह किसी की सुनने को तैयार नहीं थे।
शेखर, घायल पुलिसकर्मी
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो