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Farmer Protest : दिल्‍ली हिंसा के बाद किसान आंदोलन में बड़ी फूट, दो गुटों ने खत्‍म किया धरना

किसान आंदोलन से जुड़ी एक बड़ी खबर आ रही है। किसीन आंदोलन के दौरान गाजीपुर बॉर्डर पर राष्ट्रीय किसान आंदोलन संगठन का नेतृत्व कर रहे वीएम सिंह ने किसान आंदोलन को खत्‍म करने का एलान कर दिया है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Wed, 27 Jan 2021 04:41 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jan 2021 05:13 PM (IST)
दिल्‍ली हिंसा के बाद आंदोलन में बड़ी फूट, दो गुटों ने खत्‍म किया धरना

नई दिल्‍ली, जागरण संवाददाता। दिल्ली-एनसीआर में पिछले 2 महीने से भी अधिक समय से चल रहे किसान आंदोलन से जुड़ी एक बड़ी खबर आई है। दिल्‍ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्‍टर परेड के समय हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद किसान संगठनों में बड़ी फूट हो गई है। बुधवार को गाजीपुर बॉर्डर पर तीनों कृषि कानूनों को रद कराने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे वीएम सिंह (मुखिया, राष्ट्रीय किसान आंदोलन संगठन) ने धऱना-प्रदर्शन खत्‍म करने का एलान किया है। वहीं, दूसरी और दिल्ली-नोएडा स्थित चिल्‍ला बॉर्डर पर धरना दे रहे भानू गुट ने भी धरना खत्‍म कर दिया है। दोनों ही गुटों ने लाल किले पर दूसरे रंग का ध्‍वज फहराए जाने के विरोध में आंदोलन को खत्‍म किया है। भानू गुट ने कोर कमेटी की बैठक के बाद धरना खत्‍म कर दिया।

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इधर गाजीपुर बॉर्डर पर पीसी में किसान नेता वीएम सिंह बोले कि बुधवार को आज गाजीपुर बॉर्डर पर से हट जाएंगे। राष्ट्रीय किसान आंदोलन संगठन अब इस आंदोलन का हिस्सा नहीं है। कल की हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि जो भी इसके जिम्मेदार हैं उन सभी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। वहीं, खरखौदा के ट्रैक्टर परेड की आड़ में लालकिले पर तिरंगे की जगह अन्य झंडा फहराए जाने के बाद दहिया खाप के प्रधान सुरेंद्र दहिया ने जल्द ही सर्वखाप की पंचायत बुलाकर किसान यूनियनों को दिए गए नैतिक समर्थन पर विचार करने की बात कही है।

इधर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को हुई हिंसा को लेकर कहा है कि किसानों ने हिंसा शुरू करने वाले 15 लोगों को सौंप दिया। उनके पास सरकार के पहचान पत्र हैं। अब आप यह समझ सकते हैं कि सरकार में कौन है। यह शांतिपूर्ण आंदोलन को विफल करने के लिए ठोस साजिश थी। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी को गाजीपुर सीमा पर पुलिस ने उस मार्ग को रोक दिया, जो ट्रैक्टर रैली के लिए नियोजित मार्ग था। ऐसे में जब किसानों ने ट्रैक्टर रैली निकाली तो पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया, जिससे हिंसा भड़की।

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