दिल्ली में मास्क हटाने को लेकर अलग- अलग है एक्सपर्टों की राय, त्योहारी मौसम में बरतें सावधानी
राजधानी में कोविड के बहुत ही हल्के लक्षण वाले मामले मिल रहे हैं जो कि ओपीडी के ही इलाज से ठीक हो रहे हैं। कोरोना होने पर कई बीमारियों से जूझ रहे मरीज भी अस्पताल में भर्ती कम हो रहे हैं जो पहले काफी ज्यादा थे।
नई दिल्ली, पीटीआइ। दिल्ली में अब मास्क नहीं पहनने वालों को सरकार की तरफ से कोई फाइन नहीं किया जाएगा। इसको लेकर एक्सपर्टों की अलग- अलग राय है। दिल्ली में 30 सितंबर के बाद से मास्क नहीं लगने के फैसले पर इनका कहना है कि सरकार को आने वाले त्योहारों के दो महीनों के बाद यह फैसला लेना चाहिए था। हालांकि कुछ का कहना है कि पब्लिक को अपने से भी मास्क लगाने के मामले में ईमानदारी बरतनी चाहिए।
स्वास्थ्य विभाग जारी करेगा निर्देश
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने पिछले महीने की बैठक में यह कहा था आगामी त्योहार को देखते हुए कोविड के बचाव के लिए जरूरी उपाय पर किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। वहीं, अब यह 30 सितंबर को मास्क को खत्म करने का फैसला लिया गया है। स्वास्थ्य विभाग जल्द ही 500 रुपये फाइन हटाने का निर्देश जारी करेगा।
पहले के मुकाबले काफी कम हुए मरीज
बता दें कि राजधानी में कोविड के बहुत ही हल्के लक्षण वाले मामले मिल रहे हैं जो कि ओपीडी के ही इलाज से ठीक हो रहे हैं। कोरोना होने पर कई बीमारियों से जूझ रहे मरीज भी अस्पताल में भर्ती कम हो रहे हैं, जो पहले काफी ज्यादा थे।
अस्पताल में नहीं आ रहे मरीज
दिल्ली के शालीमार बाग के फोर्टिस अस्पताल में कार्यरत पल्मोनोलॉजी के एचओडी डॉक्टर विकास मौर्या ने बताया कि कोरोना से पीड़ित कोई नए गंभीर लक्षण वाले मरीज अब अस्पताल में एडमिट नहीं हो रहे हैं। हालांकि सर्दी में यहां पर कोविड केस में उछाल देखा जाता रहा है, क्योंकि इस मौसम में सांस से जुड़ी ज्यादा समस्याएं सामने आती हैं। इसलिए यह संभावना रहती है कि दूसरी वायरल बीमारी जैसे स्वाइन फ्लू के साथ कोविड भी बढ़ सकता है। उन्होंने उम्रदराज लोगों से अपील करते हुए कहा कि जो कई गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं उन्हें ज्यादा रिस्क है। इसलिए ऐसे समय में भीड़-भाड़ वाली जगहों पर ना जाएं।
चिंता और घबराहट से मरीज हो रहे परेशान
डाक्टर सुमित राय जो कि होली फैमिली अस्पताल के क्रिटिकल केयर विभाग में बतौर हेड कार्यरत हैं उनका कहना है कि उनके अस्पताल में पिछले चार महीने से कोई भी मरीज की कोरोना से मौत नहीं हुई है। यह भी बताया कि हमारे पास मरीज चिंता और घबराहट के कारण आते हैं, लेकिन लंबे समय तक वेंटिलेटरी सपोर्ट वाले मरीज नहीं आ रहे हैं। हां कुछ मरीजों को आक्सीजन की जरूरत होती है। सही मायने में हमारे पास कोविड के अलावा भी दूसरी गंभीर बीमारी है जैसे स्वाइन फ्लू जिनमें कुछ वेंटिलेटर की आवश्यकता होती है।
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