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बड़ी बहन की दिखाई समझदारी, जमाने से लड़कर रुकवा दी नाबालिग किशोरी की शादी

बड़ी बहन की समझदारी से छोटी बहन की शादी रुक गई। इसमें डीएलएसए ईस्ट अधिवक्ता उमेश गुप्ता और पुलिस ने भी मदद की।

By Amit MishraEdited By: Published: Tue, 06 Mar 2018 03:16 PM (IST)Updated: Tue, 06 Mar 2018 09:35 PM (IST)
बड़ी बहन की दिखाई समझदारी, जमाने से लड़कर रुकवा दी नाबालिग किशोरी की शादी

नई दिल्ली [जेएनएन]। जो उम्र खेलने-कूदने और पढ़ने की होती है, उस उम्र में अगर शादी तय कर दी जाए तो सोचिए, उस किशोरी के मन की स्थिति क्या होगी। त्रिलोकपुरी में ऐसा ही मामला सामने आया, लेकिन बड़ी बहन की समझदारी से शादी रुक गई। इसमें डीएलएसए ईस्ट अधिवक्ता उमेश गुप्ता और पुलिस ने भी मदद की।

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28 वर्षीय युवक के साथ तय हुई शादी 

हालांकि, दिल्ली के मयूर विहार थाना पुलिस से ज्यादा मथुरा पुलिस ने सक्रियता दिखाई। दरअसल, 14 वर्षीय किशोरी अपनी मां और सौतेले पिता के साथ त्रिलोकपुरी में रहती है और नौवीं कक्षा की छात्रा है। परिजनों ने मथुरा में रहने वाले करीब 28 वर्षीय युवक के साथ उसकी शादी तय कर दी थी और छह मार्च को शादी होनी थी, लेकिन छात्रा की बड़ी बहन ने यह शादी नहीं होने देने की ठान ली।

पुलिस ने लिया एक्शन 

बहन के स्कूल प्रिंसिपल के जरिये कड़कड़डूमा कोर्ट के अधिवक्ता उमेश गुप्ता से 16 फरवरी को मुलाकात की। फिर मामला डीएलएसए ईस्ट के सचिव पवन कुमार तक पहुंचा और उन्होंने अधिवक्ता उमेश गुप्ता को इस केस के लिए अधिकृत किया। अधिवक्ता ने मयूर विहार थानाध्यक्ष और एसएसपी मथुरा को अवगत कराया। इस पर मयूर विहार पुलिस ने तो कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, लेकिन एसएसपी मथुरा स्वप्निल ममगई ने जांच कराकर शादी रुकवा दी।

सौदेबाजी के तहत कराई जा रही थी नाबालिग की शादी 

एसएसपी मथुरा ने अधिवक्ता उमेश गुप्ता को भेजे जवाब में कहा कि एसएचओ नौहझील ने जांच में पाया कि लड़की नाबालिग है। इसलिए दोनों पक्षों को बुलाकर शादी रद करा दी गई है। उधर, अधिवक्ता उमेश गुप्ता का कहना है कि उन्हें यह भी सूचना मिली थी कि सौदेबाजी के तहत नाबालिग की शादी कराई जा रही थी। हालांकि, यह जांच का विषय है।

छोटी बहन की जिम्मेदारी देने की लगाई गुहार

खानपुर तिगड़ी में अपने पति व अन्य परिजनों के साथ रहने वाली बड़ी बहन ने डीएलएसए में दिए आवेदन में कहा था कि शादी रुकवाकर उन्हें छोटी बहन की जिम्मेदारी दी जाए, ताकि उसकी अच्छी परवरिश की जा सके। हालांकि, अभी इस पर कोई निर्णय नहीं हुआ है। 

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