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Earthquake In Delhi: दिल्ली में तेज भूकंप आने पर इन तीन इलाकों में हो सकता है अधिक नुकसान

Earthquake Hits Delhi-NCR दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार-बुधवार को सर्वाधिक तीव्रता का भूकंप आया। यह 21वीं सदी का सबसे तेज भूकंप है। इससे पहले 20वीं सदी में जुलाई 1960 में 5.6 की तीव्रता से भूकंप के झटके दिल्ली के लोगों को लगे थे।

By Jp YadavEdited By: Published: Wed, 09 Nov 2022 08:14 AM (IST)Updated: Wed, 09 Nov 2022 11:23 AM (IST)
Earthquake In Delhi: दिल्ली में तेज भूकंप आने पर इन तीन इलाकों में हो सकता है अधिक नुकसान
1960 को राजधानी दिल्ली में 5.6 की तीव्रता का बड़ा भूकंप आया था।

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई अन्य राज्यों में मंगलवार-बुधवार की रात्रि में आए भूकंप के झटकों ने लोगों दहशत में ला दिया।  दिल्ली-एनसीआर में मंगलवार देर रात करीब दो बजे भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। इसके चलते लोगों की नींद उड़ गई। कुछ सोसायटी और कॉलोनियों में तो घरों से बाहर निकल आए और तकरीबन एक घंटे बाद वापस सोने के लिए गए।

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लक्ष्मी नगर, शाहदरा और मयूर विहार में है अधिक खतरा

भू वैज्ञानिकों के मुताबिक, दिल्ली में बड़ा भूकंप आने पर शहर में ज्यादा नुकसान की आशंका है। दरअसल, दिल्ली में यमुना तट के करीबी इलाके शाहदरा, मयूर विहार और लक्ष्मी नगर हैं। ऐसे में दिल्ली में बड़ी तीव्रता का भूकंप आता है तो इन तीन क्षेत्रों में इमारतों के साथ जन हानि होने का अधिक अंदेशा है। ये तीनों ही इलाके यमुना किनारे बसें हैं। 

27 जुलाई 1960 को आया था तेज भूकंप

मंगलवार-बुधवार की मध्य रात्रि को आए भूकंप का केंद्र नेपाल था और रिक्टर स्केल पर तीव्रता 6.3 थी। जानकारों की मानें तो यह दिल्ली के इतिहास का सबसे तेज भूकंप था। इससे पहले 27 जुलाई 1960 को 5.6 तीव्रता का भूकंप आया था और कई इमारतों को नुकसान हुआ था। भूकंप के ताजा झटके तो चीन और पाकिस्तान में भी  महसूस किए गए।

कम जनसंख्या होने के चलते हुआ था कम नुकसान

गौरतलब है कि 27 जुलाई, 1960 को राजधानी दिल्ली में 5.6 की तीव्रता का बड़ा भूकंप आया था। भूकंप की वजह से तब राजधानी दिल्ली की कुछ ही इमारतों को नुकसान हुआ था। कम नुकसान के पीछे दिल्ली की जनसंख्या का कम होना भी था।

दिल्ली में आ सकता है 7 से अधिक तीव्रता का भूकंप

दिल्ली-एनसीआर भूकंप को लेकर अधिक तीव्रता वाले सिस्मिक जोन 4 में आता है। भू वैज्ञानिकों के मुताबिक, सिस्मक जोन-4 में होने के चलते रिक्टर पैमाने पर आठ तीव्रता वाला भूकंप भी आ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो दिल्ली की सघन आबादी होने के कारण बड़ी जन हानि के साथ आर्थिक हानि हो सकती है।

गौरतलब है कि गहरी नींद में सोए दिल्‍ली-एनसीआर समेत पूरे उत्‍तर भारत के लोग मंगलवार-बुधवार की देर रात 1.57 बजे भूकंप के तेज झटके से सहम गए। उधर, नेशनल सेंटर फॉर सिस्‍मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप की गहराई जमीन के अंदर 10 किमी नीचे थी। वहीं, भूकंप की तीव्रता रिक्‍टर स्‍केल पर 6.3 मापी गई।

बता दें कि मंगलवार रात 8.52 बजे भी उत्‍तर प्रदेश के कई जिलों में झटके महसूस किए गए थे और इसकी  रिक्‍टर पैमाने में तीव्रता 4.9 मापी गई थी। इसके बाद मंगलवार-बुधवार की रात को 1 बजकर 57 मिनट पर भूकंप आया, जो 6.3 तीव्र गति का था।

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