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Delhi: सीआर पार्क में सिर्फ कालीबाड़ी मंदिर में होगी दुर्गा पूजा

कोरोना वायरस संक्रमण के चलते सिर्फ सीआर पार्क स्थित काली बाड़ी मंदिर में पूजा की जाएगी लेकिन पंडाल में आम लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। यहां पर एक छोटा पंडाल बनाया जा रहा है जिसमें चुनिंदा लोग ही आ सकेंगे।

By JP YadavEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 01:16 PM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 01:16 PM (IST)
Delhi: सीआर पार्क में सिर्फ कालीबाड़ी मंदिर में होगी दुर्गा पूजा
मिनी बंगाल के रूप में प्रसिद्ध चितरंजन पार्क में भी पंडाल नहीं सजेंगे।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। कोरोना संक्रमण के कारण इस बार दिल्ली की ज्यादातर दुर्गा पूजा समितियां पूजा का आयोजन नहीं करेंगी। इस बार न तो भव्य पंडाल बनाए जाएंगे और न ही मां की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं बनेंगी। दिल्ली के मिनी बंगाल के रूप में प्रसिद्ध चितरंजन पार्क में भी पंडाल नहीं सजेंगे। संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए सरकार ने तमाम शर्तों के साथ दुर्गा पूजा के आयोजन की अनुमति तो दे दी है, लेकिन इसमें इतनी देर हो गई कि अब तैयारी कर पाना संभव नहीं है। सीआर पार्क स्थित काली बाड़ी मंदिर में पूजा की जाएगी, लेकिन पंडाल में आम लोगों को प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। यहां छोटा पंडाल बनाया जा रहा है। सीआर पार्क काली मंदिर सोसायटी के सचिव श्रीवास भट्टाचार्जी ने बताया कि सोसायटी के फेसबुक पेज व यू-ट्यूब चैनल, डेन केबल के चैनल नंबर- 155 पर पूजा का सजीव प्रसारण किया जाएगा। प्रसारण के लिए टाटा स्काई से भी बात चल रही है।

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इस बार मां की प्रतिमा सिर्फ पांच फीट ऊंची बनाई जा रही है जबकि हर साल यह 18 फीट ऊंची होती थी। 22 अक्टूबर से पूजा शुरू होगी और 26 को विसर्जन होगा। वहीं, मंदिर परिसर में मां की प्रतिमाएं बना रहे मूर्तिकार गोविंदनाथ ने बताया कि हर साल प्रतिमाओं के इतने ऑर्डर आते थे कि उन्हें कई कलाकारों को इसमें लगाना पड़ता था, लेकिन इस बार पूजा न होने के कारण ज्यादा ऑर्डर ही नहीं मिले हैं। इस बार वह अकेले ही प्रतिमा बना रहे हैं।

नई दिल्ली व बाहरी दिल्ली में भी नहीं बनेंगे भव्य पंडाल

नई दिल्ली के काली बाड़ी स्थित दुर्गा पूजा आयोजन समिति के सदस्य प्रणब सासमल ने बताया कि सरकार की ओर से देर से आयोजन की अनुमति मिली है, जिसके चलते बड़ा आयोजन नहीं हो सकेगा। पंडाल में केवल समिति से जुड़े लोग ही पूजा में हिस्सा लेंगे। यदि कोई श्रद्धालु आता भी है तो उसे गेट पर ही सैनिटाइज किया जाएगा। अंदर किसी के बैठने की व्यवस्था नहीं की जाएगी। ज्ञान स्वरूप पार्क में भी केवल समिति के लोग ही पूजा अर्चना कर सकेंगे। वहीं, करोल बाग समिति के सचिव दीपक भूविक ने कहा कि केवल चुनिंदा लोग ही 78 साल से चली आ रही इस पुरानी परंपरा को चालू रखने के लिए पूजा अर्चना में शामिल होंगे। पुरानी दिल्ली में भी कोई बड़ा आयोजन नहीं किया जाएगा।

वहीं, द्वारका सेक्टर-12 स्थित कालीबाड़ी मंदिर के मीडिया संयोजक जयंता घोश ने बताया कि 22 अक्टूबर से दुर्गा पूजा शुरू होगी। सरकार के दिशा-निर्देशानुसार मंदिर में पूजा के दौरान केवल 20 लोगों को ही अनुमति दी जाएगी। हालांकि, अधिक से अधिक लोग पूजा से जुड़े इसके लिए मंदिर के फेसबुक, यू-ट्यूब चैनल व वेबसाइट पर इसका लाइव प्रसारण किया जाएगा। दिन में तीन घंटे के लिए भक्तों को मंदिर परिसर में प्रवेश दिया जाएगा ताकि वे मूर्ति दर्शन कर सके। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के नियम का पूरा पालन किया जाएगा। भक्तों को घर पर ही प्रसाद पहुंचाने की भी व्यवस्था की जाएगी। सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं होंगे। इस बार सिर्फ सात फीट की मूर्ति बनाई गई है। इसका मंदिर परिसर में ही विसर्जन किया जाएगा। महावीर एंक्लेव कालाबाड़ी के सचिव देवजीत ने बताया कि इस बार कोरोना के कारण पूजा आयोजन को लेकर कोई बैठक नहीं हो पाई है। इस बार केवल घट की ही पूजा की जाएगी।

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