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आप अंक पत्र ना होने की स्थिति में आवेदन फॉर्म में प्रत्येक विषय के प्राप्तांकों की जानकारी अपलोड कर सकते हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) में स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों में दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया अंतिम चरण में है, जिसको लेकर छात्रों व अभिभावकों के मन में अभी भी कई सवाल हैं। ऐसे ही कुछ अभिभावकों और छात्रों ने दैनिक के कार्यक्रम के तहत सवाल पूछे, जिनके जवाब दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के आत्मा राम सनातन धर्म (एआएसडी) कॉलेज के प्रिंसिपल ज्ञानतोष कुमार झा ने दिए। प्रस्तुत हैं कुछ प्रमुख सवालों के जवाब...।
अंक पत्र नहीं तो आवेदन फॉर्म में भरें 12वीं के अंक
सवालः सेवानिवृत्त अधिकारी हूं। डीयू से पीएचडी करना चाहती हूं। दाखिले के लिए निर्धारित उम्र सीमा क्या है?(स्मृति, भजनपुरा)
जवाबः डीयू से पीएचडी करने के लिए कोई निर्धारित उम्र सीमा नहीं है। आप डीयू की अधिकृत वेबसाइट पर जाकर एमफिल-पीएचडी पोर्टल के जरिये आवेदन कर सकती हैं। दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसे आपको पास करना होगा।
सवालः अभी 12वीं का अंक पत्र नहीं मिला है। आवेदन कैसे करूं? (राघव, फरीदाबाद)
जवाबः आप अंक पत्र ना होने की स्थिति में आवेदन फॉर्म में प्रत्येक विषय के प्राप्तांकों की जानकारी अपलोड कर सकते हैं।
सवालः 12वीं की सुधारात्मक परीक्षा के लिए आवेदन किया है। दाखिला के लिए कौन सा अंक पत्र लगाना होगा?(रविश, गुरुग्राम)
जवाबः अगर दाखिला प्रक्रिया के तहत कॉलेजों में सीट बचे रहने से पहले सुधारात्मक परीक्षा का परिणाम घोषित हो जाता है तो आप सुधारात्मक परीक्षा परिणाम का अंक पत्र लगाकर दाखिला ले सकते हैं। अन्यथा, आपको पुराने अंक पत्र के आधार पर ही दाखिला लेना होगा।
सवालः क्या आवेदन के दौरान 12वीं के सभी विषयों के अंकों को अपलोड करना होगा? (विधि रावत, नजफगढ़)
जवाबः आवेदन फार्म में सिर्फ बेस्ट फोर के अंक अपलोड करने हैं, जिनमें एक भाषा और तीन अन्य विषय शामिल हैं।
सवालः डीयू से बीएससी फिजिकल साइंस करना चाहता हूं। इसमें दाखिले के लिए बेस्ट फोर विषय क्या हैं?(विकास, बदरपुर)
जवाबः बीएससी फिजिकल साइंस के बेस्ट फोर में फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथ्स व अंग्रेजी शामिल हैं। हालांकि, 12वीं में अंग्रेजी में 50 फीसद अंक होने जरूरी हैं।
सवालः डीयू से बीकॉम करना है। क्या ओपन स्कूल से करना बेहतर विकल्प होगा? (शिवानी, द्वारका)
जवाबः डीयू ही ओपन स्कूल संचालित करता है। यह बेहतर विकल्प है। आप ओपन स्कूल से बीकॉम कर सकती हैं। इसकी डिग्री का महत्व डीयू की डिग्री की तरह ही है।
दो प्रवेश पत्र जारी हो तो किसी भी एक से दें परीक्षा
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के राजधानी कॉलेज में स्नातक दाखिला से जुड़े सवालों का जवाब देने के लिए ओपन डेज आयोजित किया गया। इस दौरान एक छात्र ने सवाल पूछा कि उसने स्नातक की प्रवेश परीक्षा वाले पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन किया है। हालांकि, पहले वाले आवेदन में कुछ कमियां होने के कारण उसे दोबारा आवेदन करना पड़ा था। अगर उसे दो प्रवेश पत्र जारी होंगे तो वह कौन से प्रवेश पत्र से परीक्षा दे? इसपर दाखिला विशेषज्ञों ने बताया कि वह अपनी सुविधानुसार किसी भी एक प्रवेश पत्र से दाखिले के लिए प्रवेश परीक्षा दे सकता है। उल्लेखनीय है कि इस दौरान बड़ी संख्या में पहुंचे छात्रों और अभिभावकों के सवालों के जवाब डीन स्टूडेंट वेलफेयर प्रो. राजेश टंडन, डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. गुरप्रीत सिंह टुटेजा, डिप्टी डीन स्टूडेंट वेलफेयर डॉ. अमृता बजाज, रामलाल आंनद कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राकेश कुमार, राजधानी कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. राजेश गिरी और दयाल सिंह कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. आइएस बक्शी ने दिए।
विदेशी छात्रों के लिए दोबारा खुलेगा दाखिला पोर्टल
दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) विदेशी छात्रों के लिए दाखिला पोर्टल दोबारा से शुरू करने जा रहा है। इसके तहत सोमवार से 11 जून तक विदेशी छात्र नए शुरू हुए पाठ्यक्रम साइबर सिक्योरिटी एंड लॉ समेत अन्य पाठ्यक्रमों के लिए आवेदन कर सकेंगे। डीयू ने यह फैसला कुछ विदेशी दूतावासों की ओर से दिए गए पत्र के बाद लिया है। इसमें दूतावासों ने उनके यहां के छात्रों को आवेदन का मौका देने की गुजारिश की थी। डीयू में 70 से अधिक देशों के छात्र दाखिले के लिए आवेदन करते हैं। इन छात्रों के लिए डीयू ने मार्च के अंतिम सप्ताह में ही आवेदन प्रक्रिया समाप्त कर दी थी। डीयू के एक अधिकारी के अनुसार कुछ दूतावासों ने पत्र लिखकर बंद हो चुकी आवेदन प्रक्रिया को फिर से शुरू करने की गुजारिश की थी। इसके बाद सोमवार 4 जून से एक सप्ताह तक विदेशी छात्रों के लिए दोबारा दाखिला पोर्टल खोला जा रहा है। अधिकारी के अनुसार दोबारा आवेदन प्रक्रिया शुरू होने से छात्र अन्य विषयों में दाखिले के लिए तो आवेदन कर ही सकेंगे, साथ ही उनके पास डिप्लोमा इन साइबर सिक्योरिटी एंड लॉ का विकल्प भी होगा। डीयू ने इसी वर्ष इस पाठ्यक्रम को शुरू किया है, जो किसी भी केंद्रीय विश्वविद्यालय में शुरू होने वाला अपनी तरह का पहला पाठ्यक्रम है।
अतिथि शिक्षकों का मानदेय दोगुना करने की रखी मांग
ऑल इंडिया यूनिवर्सिटीज एंड कॉलेजेज एससी, एसटी, ओबीसी टीचर्स एसोसिएशन ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) समेत देशभर के सभी विवि में पढ़ा रहे अतिथि शिक्षकों का मानदेय दोगुना करने की मांग की है। इस बाबत एसोसिएशन ने मानव संसाधन विकास मंत्रलय व विश्वविद्यालय अनुदान आयोग को पत्र लिखा है।1एसोसिएशन के चेयरमैन तथा डीयू विद्वत परिषद के सदस्य प्रो. हंसराज सुमन ने कहा कि पत्र में अतिथि शिक्षकों का मानदेय प्रति लेक्चर 1000 रुपये से बढ़ाकर 2000 रुपये करने की मांग की गई है। साथ ही जिन अतिथि शिक्षकों को महीने में अधिकतम 25000 रुपये दिए जाने का प्रावधान है, उसे बढ़ाकर प्रत्येक माह 50000 रुपये किया जाने की मांग की है। डीयू के कॉलेजों में इस वक्त 500 से अधिक अतिथि शिक्षक सेवा दे रहे हैं, जबकि देश के 813 विवि और लगभग 40 हजार कॉलेजों में लाखों अतिथि शिक्षक सेवा दे रहे हैं, लेकिन सेवानुरूप उनका मानदेय ना होने से उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं है, जिसका असर अप्रत्यक्ष तौर पर शिक्षण पर भी पड़ता है।