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केंद्रीय मंत्री ने किया सुपर कंप्यूटर 'मिहिर' का उद्घाटन, जानें- क्यों है खास

मिहिर के जरिए अब मध्यम अवधि के मौसम का अनुमान और सटीक लगाया जा सकेगा और अब देश भर में मौसम के पूर्वानुमान जो आंकड़े जारी होंगे वह पहले से ज्यादा सटीक होंगे।

By Amit MishraEdited By: Published: Tue, 30 Jan 2018 03:42 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jan 2018 09:09 AM (IST)
केंद्रीय मंत्री ने किया सुपर कंप्यूटर 'मिहिर' का उद्घाटन, जानें- क्यों है खास

नोएडा [जेएनएन]। सेक्टर-62 स्थित राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र अब मौसम के ज्यादा सटीक आंकड़े देगा। केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र में आज सुपर कंप्यूटर मिहिर का उद्घाटन किया है। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अब मौसम का और सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा।

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बेहतर प्लानिंग में मदद 

सुपर कंप्यूटर मिहिर की मदद से आने वाले दिनों में ब्लॉक लेवल तक का मौसम का पूर्वानुमान दे सकेंगे। मिहिर के जरिए अब मध्यम अवधि के मौसम का अनुमान और सटीक लगाया जा सकेगा और अब देश भर में मौसम के पूर्वानुमान जो आंकड़े जारी होंगे वह पहले से ज्यादा सटीक होंगे। इन आंकड़ों के आधार पर ज्यादा बेहतर प्लानिंग में मदद मिलेगी।

पुरानी हो चुकी थी तकनीक

राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र में लगे सिस्टम की तकनीक पुरानी हो चुकी है। इससे जो आंकड़े मिल रहे थे उससे मौसम का पूर्वानुमान 70-80 फीसदी तक ही सही निकलता था। अब यहां ग्लोबल मॉडल कंप्यूटर से जो आंकड़े मिलेंगे उससे करीब 95 फीसदी तक सही निकलने की उम्मीद की जा रही है। यहां मैथेमेटिकल कंप्यूटर मॉडल (जमीन से आसमान के बीच की गतिविधियां) पर आधारित तकनीक से काम किया जा रहा था। अब लैंड सरफेस प्रॉसेस (समुद्री सतह की गतिविधियां) को भी इसमें शामिल किया जाएगा।

अमेरिका की बराबरी

नोएडा स्थित राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र के सीनियर साइंटिस्ट डॉ. आशीष मित्रा का कहना है कि इस सिस्टम के लगने से मौसम का पूर्वानुमान जारी करने का हमारा सिस्टम अमेरिका के बराबर ताकतवर होगा। यह तकनीक अभी अमेरिका और यूके में ही इस्तेमाल की जा रही है। अन्य देशों की तकनीक से तुलना करें तो हम कुछ देशों के बराबर व कुछ से बेहतर तकनीक पर काम कर रहे थे। अब नए सिस्टम के लगने के बाद समुद्री सतह के अंदर करीब 500 मीटर तक की गतिविधियों के सही आंकड़े मिल सकेंगे।

एकमात्र ग्लोबल मॉडल कंप्यूटर

अमेरिका और यूके की तकनीक पर आधारित देश में यह एकमात्र ग्लोबल मॉडल कंप्यूटर है जो नियमित पूर्वानुमान के आंकड़े जारी करने के लिए इस्तेमाल किया जाएगा। दूसरा ग्लोबल कंप्यूटर हाल ही में पुणे स्थित मौसम विभाग में लगाया गया है, लेकिन वह सीजनल (लॉन्ग टर्म) पूर्वानुमान की रिसर्च में इस्तेमाल होगा।

'मेक इन इंडिया' का सुपर कंप्यूटर कनेक्शन 

गौरतलब है कि केंद्र सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत भारत में सुपर कंप्यूटर बनाने पर बल दिया गया है। नेशनल सुपर कंप्यूटर्स मिशन के शुरूआती दो चरणों में उच्च गति वाले इंटरनेट स्विचों और कंप्यूट नोड्स जैसे उप तंत्रों के डिजाइन एवं निर्माण का काम स्वदेशी तौर पर करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। 4500 करोड़ रूपए की परियोजना को साल 2016 में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने मंजूरी दी थी।

तेजी से आगे बढ़ रहा है चीन

यहां यह भी बता दें कि चीन के इंजीनियर एक ऐसा सुपर कंप्यूटर बना रहे हैं, जो मौजूदा वक्त के सबसे तेज सुपर कंप्यूटर से भी आठ गुना तेज होगा। फिलहाल इसका तीसरा प्रोटोटाइप विकसित किया जा रहा है। इंजीनियरों की योजना इस प्रोटोटाइप को अगले साल तक लॉन्च करने की है।

प्रोटोटाइप को पूर्वी चीन में शैनडोंग प्रांत के जिनान में स्थित नेशनल रिसर्च सेंटर ऑफ पैरेलल कंप्यूटर इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (एनआरसीपीसी) और नेशनल सुपर कंप्यूटिंग सेंटर बना रहे हैं। सनवे नाम से बनने वाला यह सुपर कंप्यूटर 'एक्सास्केल कंप्यूटर' होगा।

इससे चीन को अंतरिक्ष, चिकित्सा, समुद्र और मौसम सहित कई क्षेत्रों से संबंधित शोध कार्यों में तेजी लाने में मदद मिलेगी। इंजीनियरों को उम्मीद है कि प्रोटोटाइप बन जाने के बाद वह सुपर कंप्यूटर को 2020 तक बाजार में लाने की स्थिति में होगा।

क्या है 'एक्सास्केल कंप्यूटर'

यह कंप्यूटर एक सेकेंड में एक क्विंटिलियन (1 के पीछे 18 शून्य) गणनाएं करने में सक्षम होगा। फिलहाल दुनिया में जो सबसे तेज सुपर कंप्यूटर मौजूद है, वह प्रति सेकेंड 93 क्वाड्रिलियन (1 के पीछे 15 शून्य) गणनाएं करने में सक्षम है। इस आंकड़े को देखकर बन रहे सुपरकंप्यूटर की क्षमता का अनुमान लगाया जा सकता है।

दुनिया के शीर्ष सुपर कंप्यूटर

नाम - देश

सनवे ताइहूलाइट- चीन

तियानहे- चीन

पिज डाएंट- स्विट्जरलैंड

टाइटन - अमेरिका

सिक्योइया- अमेरिका

सहस्र टी- भारत

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