Delhi AIIMS : एम्स के डाक्टर व नर्सिंग कर्मचारी ने डेंगू मरीजों के लिए की प्लेटलेट्स दान
Delhi AIIMS रक्तदान के लिए अभियान चलाने वाले एम्स के नर्सिंग अधिकारी कनिष्क यादव ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।डाक्टर बताते हैं कि डेंगू मरीजों में प्लेटलेट्स की मात्रा ज्यादा कम होने पर सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की जरूरत होती है। यह डेंगू मरीजों के इलाज में ज्यादा असरदार है।
नई दिल्ली [रणविजय सिंह]। डेंगू के मामले बढ़ने के कारण सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की मांग बढ़ गई है। यही वजह है कि एम्स में डेंगू मरीजों की मदद के लिए संस्थान के रेजिडेंट डाक्टर, नर्सिंग कर्मचारी व मेडिकल के छात्र आगे आगे आ रहे हैं। मंगलवार को एम्स के वरिष्ठ रेजिडेंट डाक्टर डा. नितिननर्सिंग अधिकारी सुगीश व एमबीबीएस के एक छात्र नरेंद्र ने अस्पताल के ब्लड बैंक में सिंगल डोनर प्लेटलेट्स (एसडीपी) दान किया, ताकि अस्पताल में भर्ती डेंगू मरीजों की मदद हो सके।
सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की मांग बढ़ी
रक्तदान के लिए अभियान चलाने वाले एम्स के नर्सिंग अधिकारी कनिष्क यादव ने ट्वीट कर यह जानकारी दी।डाक्टर बताते हैं कि डेंगू मरीजों में प्लेटलेट्स की मात्रा ज्यादा कम होने पर सिंगल डोनर प्लेटलेट्स की जरूरत होती है। यह डेंगू मरीजों के इलाज में ज्यादा असरदार है। सामान्य प्लेटलेट्स से मरीज के शरीर में प्लेटलेट्स तेजी से नहीं बढ़ पाता। इस वजह से कई मरीजों को पांच से छह यूनिट प्लेटलेट्स की जरूरत पड़ जाती है।
मरीज के ब्लड में तेजी से बढ़ी प्लेटलेट्स की संख्या
जबकि एक यूनिट सिंगल डोनर प्लेटलेट्स चढ़ाने पर मरीज के ब्लड में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से बढ़ जाती है।कनिष्क ने बताया कि ब्लड बैंक से डेंगू मरीज के लिए सिंगल डोनर प्लेटलेट्स के लिए मांग आई थी। जिसके बाद उन्होंने रेजिडेंट डाक्टर, मेडिकल के छात्रों, नर्सिंग अधिकारियों व नर्सिंग की छात्रों से संपर्क किया। 18 लोग सिंगल डोनर प्लेटलेट्स दान करने के लिए तैयार भी हो गए। इनमें से तीन लोगों का सिंगल डोनर प्लेटलेट्स दान हुआ।
उधर, कोरोना से बचाव के लिए टीके की सतर्कता डोज लेने के प्रति वैसे तो लोगों में कभी बहुत ज्यादा उत्साह नहीं देखा गया लेकिन संक्रमण कम होने बाद त्योहार के उल्लास में अब लोग ज्यादा बेखौफ हो गए हैं। इस वजह से आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएम) द्वारा त्योहारी सीजन में सतर्कता डोज देने का अभियान तेज करने के निर्देश के बावजूद सतर्कता डोज देने की गति बहुत धीमी पड़ गई है। स्थिति यह है कि पिछले माह के पहले सप्ताह के मुकाबले दिल्ली में अभी सतर्कता डोज लेने वालों की संख्या दो तिहाई से ज्यादा (71.80 प्रतिशत) कम हो गई है।
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