दिल्ली-NCR में चिकन की मांग हुई कम, गाजीपुर मंडी में 65 रुपये किलो बिक रहा मुर्गा
Bird Flu in Delhi गाजीपुर मुर्गा मंडी में बर्ड फ्लू की दस्तक से पहले रोजाना मुर्गे का भाव 110 से 115 रुपये किलो रहता था। जब से फ्लू ने दस्तक दी है बहुत से शौकीनों ने चिकन खाना छोड़ दिया है।
नई दिल्ली [आशीष गुप्ता]। बर्ड फ्लू का डर लोगों के दिल से निकल नहीं रहा। जिसकी वजह से लोगों ने चिकन से दूरी बना रखी है। उसका सीधा असर गाजीपुर मुर्गा मंडी के कारोबार पर पड़ रहा है। आवक की तुलना में कम खरीदार होने की वजह से मंडी में मुर्गे का भाव 65 रुपये किलो तक पहुंच गया। कुछ मुर्गा व्यवसायियों ने बताया कि कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के कारण रास्ते बाधित होने की वजह से भी बिक्री पर असर पड़ रहा है।
गाजीपुर मुर्गा मंडी में बर्ड फ्लू की दस्तक से पहले रोजाना मुर्गे का भाव 110 से 115 रुपये किलो रहता था। जब से फ्लू ने दस्तक दी है, बहुत से शौकीनों ने चिकन खाना छोड़ दिया है। चिकन की खपत कम होने से मुर्गा मंडी में बिक्री और दाम रोजाना घट रहे हैं। मुर्गा व्यवसायियों ने बताया कि करीब 90 ट्रक में मुर्गा आ रहा है। लेकिन खरीदार मंडी में कम आ रहे। मांग की तुलना में आवक ज्यादा होने की वजह से मुर्गे का दाम 65 रुपये प्रति किलो तक गिर गया है।
मीट की दुकान पर 90 रुपये किलो में चिकन
मीट की दुकानों पर भी चिकन का दाम काफी कम हुआ है। अब 90 से 100 रुपये किलो चिकन बिक रहा। बर्ड फ्लू की दस्त से पहले इन दुकानों पर चिकन 160 से 180 रुपये किलो में बिका करता था। मीट दुकानदारों का कहना है कि जब तक बर्ड फ्लू रहेगा, चिकन के दाम बढ़ने की उम्मीद नहीं है।
मुहम्मद सलीम (महासचिव, गाजीपुर होलसेल पोल्ट्री मार्केट कमीशन एजेंट) का कहना है कि मंडी में मुर्गों के दाम में गिरावट आ रही है। बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद से कारोबार नहीं उठा है। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे प्रदर्शन के कारण गाजीपुर सीमा बंद होने की वजह से गाजियाबाद और नाेएडा से खरीदार नहीं आ पा रहे हैं। उसका असर भी कारोबार पर पड़ रहा है।
Coronavirus: निश्चिंत रहें पूरी तरह सुरक्षित है आपका अखबार, पढ़ें- विशेषज्ञों की राय व देखें- वीडियो