Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Delhi News: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने यूएपीए के तहत 9 आतंकियों पर तय किए आरोप, एक कश्मीरी युवक बरी

    By Vineet TripathiEdited By: JP Yadav
    Updated: Thu, 03 Nov 2022 02:19 PM (IST)

    Delhi News दिल्ली की पटियाला हाउस की सत्र अदालत ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम ( Unlawful Activities (Prevention) Act) के तहत 9 आतंकियों पर आरोप तय किए हैं। आरोप तय करने के दौरान कोर्ट ने अहम टिप्पणी भी की है।

    Hero Image
    दिल्ली स्थित पटियाला हाउस कोर्ट की फाइल फोटो।

    नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। इस्लामिक स्टेट आफ इराक एंड सीरिया (ISIS) की विचारधारा के आनलाइन प्रचार से जुड़े मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) ने द्वारा गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत दर्ज मामले में नौ आरोपितों पर आरोप तय करते हुए पटियाला हाउस की सत्र अदालत ने अहम टिप्पणी की है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    साहित्य को रखना अपराध नहीं

    प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश धर्मेश शर्मा ने कहा कि जब तक कि आतंकवादी कृत्यों को करने के संबंध में कोई सामग्री न पेश की जाए तब तक विशेष धार्मिक दर्शन वाले जिहादी साहित्य को रखना अपराध नहीं होगा। अदालत ने कहा कि सिर्फ ऐसे साहित्य को रखना अपराध नहीं करार दिया जा सकता, क्योंकि इस तरह के साहित्य को कानून के किसी प्रविधान के तहत प्रतिबंधित नहीं किया गया है। ऐसा प्रस्ताव संविधान के अनुच्छेद 19 द्वारा गारंटीकृत स्वतंत्रता और अधिकारों के खिलाफ है।

    ओबैद समेत कई पर आरोप हुए तय

    अदालत ने यह टिप्पणी आरोपित ओबैद हामिद मट्टा पर यूएपीए की धारा 2 (ओ) और 13 के तहत आरोप तय करते हुए की। अदालत ने कहा कि सिर्फ इसलिए कि मट्टा कुछ कट्टर इस्लामी साहित्य की तलाश कर रहा था या उसे पढ़ रहा था। यह किसी भी अपराध को करने के बराबर नहीं है। हालांकि, वह गैरकानूनी गतिविधियों के कमीशन में शामिल था और इसलिए यूएपीए अधिनियम की धारा 13 के साथ धारा-2 (ओ) के तहत उसने अपराध किए हैं।

    इन आतंकियों पर हुए आरोप तय

    ओबैद मट्टा के अलावा अदालत ने केरल, कर्नाटक व कश्मीर से जुड़े नौ आरोपितों मुशाब अनवर, रीस रशीद, मुंडादिगुट्टू सदानंदानंद मारला दीप्ति, मो. वकार लोन, मिजा सिद्दीकी, शिफा हारिस, ओबैद हामिद मट्टा और अम्मार अब्दुल रहिमन के खिलाफ भारतीय दंड सहिता की धारा-120-बी व यूएपीए की धारा 2 (ओ), 13, 38 और 39 के तहत आरोप तय किए।

    कश्मीरी युवक को किया बरी

    वहीं, अदालत ने 26 वर्षीय कश्मीरी युवक मुजमिल हसन भट को मामले के सभी आरोपों से बरी कर दिया। अदालत ने कहा कि भट के खिलाफ ऐसा कोई सुबूत नहीं है कि उसने आइएस सदस्य होने का दावा किया या फिर गतिविधियों को आगे बढ़ाने के लिए कुछ भी किया। अदालत ने कहा कि आरोपित भारतीय सैनिकों या आइएस के गुर्गों के स्वयंभू माड्यूल होने का दावा कर रहे थे और इस तरह प्रतिबंधित संगठन के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए सभी प्रयास कर रहे थे।

    Delhi News: सुब्रमण्यम स्वामी की सुरक्षा के लिए किए गए पर्याप्त प्रबंध, दिल्ली HC में केंद्र सरकार ने रखा पक्ष

    Delhi News: बेटे के जांच में शामिल नहीं होने पर दिल्ली HC ने माता-पिता को जमानत देने से किया इन्कार