Delhi Weather: दिल्ली में इस बार पड़ेगी भीषण गर्मी, पारा पहुंचेगा 48 के पार
Delhi Weather मई में दिल्ली का तापमान 46 डिग्री पार कर जाएगा। लू चलने चलेगी। जून में भी लू के बीच अच्छी गर्मी पड़ेगी।
नई दिल्ली। देर से ही सही, गर्मी ने अपना रूप दिखाना तो शुरू कर दिया है, लेकिन रंगत आना अभी बाकी है। बार-बार के पश्चिमी विक्षोभों से मार्च तो ऐसे ही निकल गया, अप्रैल में भी बारिश का दौर बीच-बीच में राहत देता रहा है।
ऐसे में इस साल कैसी रहेगी गर्मी, कहां तक जाएगा तापमान, कितने साल का टूट सकता है रिकॉर्ड? इत्यादि विभिन्न सवालों को लेकर संजीव गुप्ता ने प्रादेशिक मौसम विभाग, दिल्ली के प्रमुख कुलदीप श्रीवास्तव से लंबी बातचीत की। प्रस्तुत है इस बातचीत के मुख्य अंश :
क्या वजह है कि इस बार गर्मी आई भी देर से और अभी तक ठीक से पड़ भी नहीं रही है?
इस बार पश्चिमी विक्षोभ (डब्ल्यू डी) बार-बार आते रहे हैं। मार्च में जहां अधिकतम तीन से चार डब्ल्यू डी आते हैं, वहीं इस बार छह आए। इससे मार्च में बारिश ने एक सदी का रिकॉर्ड तोड़ दिया। अप्रैल में भी दो तीन से ज्यादा डब्ल्यूडी नहीं आते, जबकि इस बार छह तक पहुंचने की संभावना है। डब्ल्यू डी किसी साल कम तो किसी साल ज्यादा आते रहे हैं। इस बार ऐसी स्थिति बार-बार बन रही है। इसे जलवायु परिवर्तन से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दिसंबर में सर्दी ने एक सदी का रिकॉर्ड तोड़ा तो मार्च में बारिश ने रिकॉर्ड बनाया। आने वाले दिनों में गर्मी भी अच्छी पड़ने की संभावना है।
मतलब, गर्मी भी इस साल रिकॉर्ड तोड़ेगी? कहां तक जाएगा दिल्ली का अधिकतम तापमान?
देखिए अभी 23 अप्रैल तक तो डब्ल्यू डी की वजह से बारिश की संभावना बनी हुई है, लेकिन इसके बाद आसमान साफ होगा और गर्मी फिर से बढ़ने लगेगी। इस माह के अंत तक ही तापमान 43 से 44 डिग्री तक पहुंच जाएगा। इसके बाद मई में यह 46 डिग्री पार कर जाएगा। लू चलने लगेगी। जून में भी लू के बीच अच्छी गर्मी पड़ेगी। पिछले साल अधिकतम तापमान सफदरजंग पर 46 डिग्री, जबकि पालम में 47 डिग्री पार तक चला गया था। इस बार इसके एक से डेढ़ डिग्री की वृद्धि के साथ 48 डिग्री पार चले जाने की संभावना है।
डब्ल्यू डी के असर से क्या बीच-बीच में राहत का दौर आगे भी जारी रहेगा?
बिल्कुल, बीच-बीच में राहत की बौछारें पड़ती रहेंगी। वैसे भी जब-जब तापमान बढ़ता है, आसमान साफ होता है तो नमी के असर से बादल अपने आप बनने शुरू हो जाते हैं। तापमान ज्यादा होता है तो हवा भी तेज गति से ही चलती है और बारिश भी ठीकठाक हो जाती है।
काफी सालों बाद इस बार बारिश के दौरान इंद्रधनुष भी दिखाई पड़ रहा है। कोई खास वजह?
बारिश के दिनों में इंद्रधनुष बनना सामान्य प्रक्रिया है लेकिन दिल्ली-एनसीआर में चूंकि वायु प्रदूषण काफी रहता है, इसलिए यह अमूमन नजर नहीं आता। जबकि इन दिनों चल रहे देशव्यापी लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण लगभग खत्म सा हो गया है। आसमान भी साफ रहने लगा है इसलिए इंद्रधनुष भी नजर आने लगा है।
पाकिस्तान की ओर से आई धूल का असर कब तक रहेगा?
यह स्थिति तो बीच-बीच में बनती रहती है। इसमें कोई नई या असामान्य बात नहीं है। दो चार दिन असर रहता है, फिर खत्म हो जाता है। दिल्ली के वातावरण में भी अब धूल नहीं है। बारिश से सब साफ हो गया। थोड़ा बहुत बढ़ा प्रदूषण भी वापस नियंत्रण में आ गया है।
क्या वजह है कि पहले सर्दी, फिर बारिश और अब गर्मी भी रिकॉर्ड तोड़ने की ओर अग्रसर है?
अभी तो इस स्थिति को जलवायु परिवर्तन से जोड़कर ही देखा जा रहा है। हालांकि प्रामाणिक तौर पर इसे जलवायु परिवर्तन का असर तभी माना जाएगा, जब लगातार दो तीन साल ऐसी स्थिति बनी रहे।
इस साल मानसून दिल्ली में कब तक आएगा और कैसा रहेगा?
मानसून को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर अभी तक जो पूर्वानुमान सामने आया है, उसके मुताबिक मानसून की बारिश 96 फीसद के आसपास यानी सामान्य ही रहेगी। दिल्ली में मानसून के पहुंचने की तारीख 28-29 जून है, लेकिन कई बार से यह जुलाई के पहले हफ्ते तक पहुंचता है। इस वर्ष भी कमोबेश ऐसा ही अनुमान है।