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दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा- भगत सिंह के शैक्षणिक पक्ष से भी प्रेरणा लें विद्यार्थी

दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को भगत सिंह के शैक्षणिक पक्ष से भी प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके क्रांतिकारी पक्ष पर बहुत लेखन और चर्चा हुई लेकिन उनके शिक्षा के पक्ष को बहुत ही कम उकेरा गया है।

By Rahul ChauhanEdited By: Sonu GuptaPublished: Wed, 28 Sep 2022 05:47 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2022 05:47 PM (IST)
प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि भगत सिंह के शैक्षणिक पक्ष से भी प्रेरणा लें विद्यार्थी।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों को भगत सिंह के शैक्षणिक पक्ष से भी प्रेरणा लेनी चाहिए। उनके क्रांतिकारी पक्ष पर बहुत लेखन और चर्चा हुई, लेकिन उनके शिक्षा के पक्ष को बहुत ही कम उकेरा गया है। प्रो. सिंह बुधवार को शहीद भगत सिंह की जयंती के अवसर पर डीयू के वाइस रीगल लाज के तहखाने में बनी भगत सिंह की कोठरी में शहीद भगत सिंह को श्रद्धा सुमन अर्पित करने के बाद चर्चा के दौरान बोल रहे थे।

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कई भाषाओं के ज्ञाता थे भगत सिंह

कुलपति ने कहा कि भगत सिंह हिंदी, उर्दू, अंग्रेजी, पंजाबी, बंगला और आयरिश भाषाओं के अच्छे ज्ञाता होने के साथ-साथ अच्छे वक्ता, अच्छे पाठक और अच्छे लेखक भी थे। विभिन्न अखबारों में लेखन के साथ ही उन्होंने अकाली और कीर्ति नामक दो अखबारों का संपादन भी किया। जेल में रहते हुए भी उनका अध्ययन लगातार जारी रहा। इस दौरान उनके द्वारा लिखे गए लेख और परिवार को लिखे गए पत्र उनकी लेखन प्रतिभा व विचारों के दर्पण हैं।

डीयू परिसर में भगत सिंह का चरण पड़ना गर्व की बात

कुलपति सिंह ने कहा कि हमारे लिए ये गर्व और सम्मान की बात है कि डीयू परिसर में भगत सिंह जैसी महान आत्मा के चरण पड़े। सेंट्रल असेंबली में बम फेंकने के बाद पंजाब की मियांवाली जेल भेजने से पहले एक दिन के लिए भगत सिंह को वाइस रीगल लाज के तहखाने में बनी इस कोठरी में रखा गया था। कुलपति ने कहा कि यह कोठरी किसी तीर्थ स्थल से कम नहीं है। इस अवसर पर उनके साथ डीन ऑफ कलेजेज प्रो. बलराम पा, रजिस्ट्रार डा. विकास गुप्ता व पीआरओ अनूप लाठर आदि उपस्थित थे।

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