Delhi News: जामा मस्जिद के शाही इमाम ने कहा- आम आदमी पार्टी के निशाने पर हैं मुसलमान
जुमे की नमाज से पहले अपनी तल्ख तकरीर में उन्होंने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के नोटिस का जिक्र करते हुए कहा कि आप का यह प्रयास दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के मद्देनजर हिंदुओं को खुश करने के लिए हो रहा है।
नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। मस्जिद में लड़कियों के प्रवेश पर पाबंदी लगाने को लेकर बैकफुट पर आए जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) पर हमला बोला। जुमे की नमाज से पहले अपनी तल्ख तकरीर में उन्होंने दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के नोटिस का जिक्र करते हुए कहा कि आप का यह प्रयास दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव के मद्देनजर हिंदुओं को खुश करने के लिए हो रहा है। जबकि उसके निशाने पर मुसलमान है।
नोटिस पर बोले बुखारी- वह कौन होती हैं नोटिस भेजने वालीं
डीसीडब्ल्यू के नोटिस से बिफरे बुखारी ने कहा कि वह कौन होती हैं नोटिस भेजने वालीं। अगर राष्ट्रीय महिला आयोग की नोटिस आता तो एक बार समझतें। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि वह चुनाव में मुसलमानों के बीच जाएं और कहें कि वह जामा मस्जिद को अय्याशी का अड्डा बनाना चाहती हैं। फिर उन्हें समझ आ जाएगा। उन्होंने बार फिर स्पष्ट किया कि मस्जिद में लड़कियों के प्रवेश पर लगी पाबंदी का नोटिस उन्होंने उपराज्यपाल वीके सक्सेना के आग्रह पर हटाया है। उनका फोन आया था और सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते हुए कहा कि इस तरह का बोर्ड वह नहीं लगा सकते हैं। इसलिए हटाया।
लिव इन रिलेशन को लेकर भी बुखारी ने कहा यह संस्कृति विरोधी
बुखारी ने फिर सफाई दी कि यह पाबंदी उन लड़कियों के लिए थी, जो यहां अपने प्रेमियों से मिलने के लिए आती हैं। यह धार्मिक स्थल है। कोई पार्क नहीं है। इसके साथ ही उन्हाेंने लिव इन रिलेशन को संस्कृति विरोधी बताते हुए कहा कि यह हमारे देश की संस्कृति का हिस्सा नहीं है। यह विदेश से आयातित है, जो युवक-युवतियों को खराब कर रही है।
लगा नया नोटिस बदले शब्द
जामा मस्जिद के मुख्य द्वार पर लगे नोटिस "जामा मस्जिद में लड़की या लड़कियों का अकेले दाखिला मना है।'' पर बृहस्पतिवार को दिनभर चले विवाद के बीच उसे हटा लिया गया है। अब उसकी जगह नया नोटिस चस्पा किया गया है, जिसमें लिखा गया है कि जामा मस्जिद पूजा स्थल है, यह सबकी जिम्मेदारी है कि इसकी मर्यादा बनाए रखें। मर्यादा को ठेस पहुंचाने वाले लोगों का मस्जिद में प्रवेश पर मनाही है।
शांतिपूर्ण रहा माहौल
शुक्रवार को जामा मस्जिद का माहौल शांतिपूर्ण रहा। कुछ महिलाओं ने भी जुमे की नमाज पढ़ी। हालांकि, लोग लड़कियों के प्रवेश संबंधित विवाद पर कुछ भी बात करना नहीं चाह रहे थे। लोगों ने बातचीत में कहा कि मस्जिद इबादत स्थल है। इसकी पवित्रता बरकरार रखनी चाहिए।
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