स्कूल खोले जाने के फैसले से छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में मिलेगी मदद, पढ़िए क्या कहते हैं प्रिसिंपल
छात्रों को संक्रमण से बचने के लिए एक उचित दूरी बना कर स्कूलों में आने होगा। कक्षाओं में भी छात्र को छह फीट की दूरी बना कर रखना होगा। स्कूलों ने छात्रों को दोबारा स्कूल बुलाने के लिए तमाम तैयारियां कर रखी हैं।
नई दिल्ली, रीतिका मिश्रा। दिल्ली सरकार ने 18 जनवरी से स्कूल खोलने की सहमति दे दी है। अब कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्र लंबे अंतराल के बाद फिर से स्कूलों में दिखाई देंगे। सरकार के इस फैसले का स्कूल के प्रधानाचार्यों ने स्वागत किया है। प्रधानाचार्यों के मुताबिक सरकार का ये फैसला सरहानीय है क्योंकि कई छात्र ऐसे थे जिनके पास मोबाइल, लैपटाप की सुविधा नहीं थी उन्हें पाठ्यक्रम पूरा करने में बहुत परेशानी हो रही थी। अब उन छात्रों को स्कूल खुलने से राहत मिलेगी। इसके साथ ही छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी में भी मदद मिलेगी। हालांकि अब पहले की तरह स्कूलों में छात्र साथ-साथ नहीं बैठ पाएंगे।
संक्रमण से बचाव के लिए उठाने होंगे कदम
छात्रों को संक्रमण से बचने के लिए एक उचित दूरी बना कर स्कूलों में आने होगा। कक्षाओं में भी छात्र को छह फीट की दूरी बना कर रखना होगा। स्कूलों ने छात्रों को दोबारा स्कूल बुलाने के लिए तमाम तैयारियां कर रखी हैं। कई स्कूल इस बात पर अभिभावकों से विचार-विमर्श कर रहे हैं कि वह अपने बच्चे को स्कूल भेजेंगे या नहीं। उसके बाद एक मानक संचालक प्रक्रिया तैयार करेंगे जिसका सभी छात्रों, शिक्षकों, कर्मचारियों और अभिभावकों को पालन करना होगा।
प्रधानाचार्यों की प्रतिक्रिया
अलका कपूर, प्रधानाचार्या, माडर्न पब्लिक स्कूल, शालीमार बाग
स्कूल में छात्रों को बुलाने को लेकर सभी जरूरी तैयारियां कर ली गई हैं। आधे दिन का स्कूल समय रखा जाएगा। छात्रों को अपने निजी वाहन से ही स्कूल आना होगा। एक साथ सभी छात्रों को नहीं बुलाया जाएगा। कक्षाएं भी छात्रों के छोटे-छोटे समूह में आयोजित होगी। एक साथ सभी छात्र एक कक्षा में नहीं बैठेंगे। एक कक्षा में 12-15 छात्र ही बैठ सकेंगे। स्कूल के मुख्य द्वार पर थर्मल स्कैन मशीन की व्यवस्था की गई है तो छात्रों और शिक्षकों का तापमान मांपेगी। छात्रों को हर वक्त अपने मुंह पर मास्क पहन कर रखना होगा। चूंकि इन कक्षाओं में छात्र अभिभावक की सहमति से ही आएंगे इसलिए हर कक्षा में वेबकैम, स्पीकर और माइक्रोफोन की भी व्यवस्था की गई है ताकि जो छात्र स्कूल नहीं आ सकेंगे वो घर बैठ उसी समय कक्षाओं से जुड़ सके। शिक्षकों को गल्व्स पहन कर रखने होंगे। ताकि उन्हें भी किसी कापी चेक करते समय किसी तरह के संक्रमण का खतरा न रहे। इसके साथ ही स्कूल में टचलेस वाटर टैप (पीने के पानी का नल) और टचलेस सैनिटाइजेशन मशीन की भी व्यवस्था की गई है। स्कूल में हर वो संभव व्यवस्था है जिससे छात्र को संक्रमण फैलने का खतरा शून्य हो। शारीरिक शिक्षा की कक्षा में भी टीम वर्क वाले खेल नहीं खिलाएं जाएंगे।
उत्तम सिंह, प्रधानाचार्य, जिंदल पब्लिक स्कूल, द्वारका
स्कूल में सरकार और बोर्ड द्वारा कोरोना से बचाव के लिए जारी किये गए सभी नियमों का पालन किया जाएगा। बच्चों को बुलाने से पहले पूरे स्कूल को सैनिटाइज किया जा रहा है। स्कूल के मुख्य द्वार से उचित दूरी बनाकर की कक्षाओं में छात्रों को जाने दिया जाएगा और अंदर आने से पहले छात्रों को हाथ सैनिटाइज करने होंगे। कक्षा के अंदर छात्र छह फीट की दूरी में बैठेंगे। स्कूल में अगर कक्षा 10वीं-12वीं के सभी छात्र भी आते हैं तो उसकी भी व्यवस्था कर रखी है। सभी छात्रों को एक कक्षा में नहीं बैठाया जाएगा। एक कक्षा में 15 छात्र ही बैठेंगे। छात्रों को लंच भी कक्षा के अंदर शिक्षक की मौजूदगी में ही करना होगा। स्कूल के वाहन की सुविधा अभी नहीं दी जाएगी। छात्र अपने अभिभावक या खुद के वाहन से ही स्कूल आएंगे। फिलहाल बच्चों के स्कूल आने को लेकर अभिवावकों से गूगल फार्म के जरिये उनकी सहमति ली जा रही है।
प्रियंका गुलाटी, एवरग्रीन पब्लिक स्कूल, वसुंधरा एंक्लेव
बच्चोंं को स्कूल भेजने को लेकर अभिभावकों से सहमित ली जा रही है। किसी भी कक्षा में दो छात्र एक बेंच पर नहीं बैठेंगे। हर छात्र के बीच में कम से कम छह फीट की दूरी रखी जाएगी। एक कक्षा में 12 से 14 छात्र ही बैठेंगे। छात्रों का टाइम टेबल भी उसी हिसाब से बनाया जाएगा। छात्रों के लिए कक्षा के अंदर भी सैनिटाइजेशन की व्यवस्था रहेगी करेगा। छात्रों को स्कूल आते ही मुख्य द्वार पर लगे वासबेसिन में पहले हाथ धोने होंगे फिर ही वह अंदर आएंगे। स्कूल परिसर में जगह-जगह गोल घेरे बनाए गए हैं जो स्कूल अंदर आते और स्कूल से बाहर जाते समय शारीरिक दूरी बनाए रखने के दौरान काम आएंगे। पूरे स्कूल परिसर में जगह-जगह सैनिटाइजेशन मशीन भी रखी गई है। बच्चों को स्कूल बुलाने के बाद पहले दिन प्रशिक्षण सत्र रखा जाएगा। जिसमें उन्हें शारीरिक दूरी रखने के नियम बताए जाएंगे। छात्रों का लंच समय भी सेक्शन के हिसाब से बांटा जाएगा। छात्रों को हर समय मास्क और शिक्षकों को गल्व्स पहन कर रखना होगा। स्कूल में एक ऐसा कक्ष बनाया गया है जहां पर छात्र चेक करने वाली कापी रखेंगे। इस कक्ष में जमा कापी को पहले सैनिटाइज किया जाएगा और फिर तीन दिन बाद ही शिक्षक चेक करने के लिए इस कापी को छू सकेंगे।
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