दिल्ली दंगे में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, चार्जशीट में सीताराम येचुरी, योगेंद्र यादव सहित कई लोगों का नाम
दिल्ली में दंगा तब शुरू हुआ जब एनआरसी और सीएए का विरोध हो रहा था। अब इसमें जो नाम सामने आए हैं वह बेहद चौंकाने वाले हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। Delhi Violence: दिल्ली दंगे के मामले में शनिवार को एक अहम खुलासा हुआ। इस खुलासे से राजनीतिक जगत में हलचल बढ़ना तय माना जा रहा है। दिल्ली दंगे की साजिश रचने वालों में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी और स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव को भी पुलिस ने आरोपित बनाया है। दिल्ली पुलिस ने दंगों से जुड़े पूरक आरोप-पत्र में इन दोनों के साथ ही अर्थशास्त्री जयति घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर व एक्टिविस्ट अपूर्वानंद और डॉक्युमेंट्री फिल्म निर्माता राहुल रॉय के नाम भी सह-षडयंत्रकारी के रूप में दर्ज किए हैं। पीटीआइ ने पूरक आरोपपत्र की कॉपी अपने पास होने का दावा किया है।
क्या है इन लोगों पर आरोप
इन लोगों पर आरोप है कि इन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को 'किसी भी हद तक जाने को कहा', सीएए-एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) को मुस्लिम विरोधी बताकर समुदाय में नाराजगी बढ़ाई और भारत सरकार की छवि खराब करने के लिए प्रदर्शन आयोजित किए।
ये लोग भी हैं पुलिस की रडार पर
दिल्ली पुलिस ने इन लोगों को तीन छात्राओं के बयान के आधार पर आरोपित बनाया है। इन छात्राओं में पिंजरा तोड़ संगठन की सदस्य और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्राएं देवांगना कालिता व नताशा नरवाल और जामिया मिल्लिया इस्लामिया की छात्रा गुलफिशा फातिमा शामिल हैं। इन लोगों को जाफराबाद हिंसा मामले में आरोपी बनाया गया है, जहां से उत्तर पूर्वी दिल्ली में दंगा फैला था। तीनों छात्राओं के खिलाफ गैर कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप दर्ज हैं।
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बढ़ जाएगी राजनीतिक हलचल
संसद का मानसून सत्र शुरू होने से महज दो दिन पहले सार्वजनिक किए गए आरोप पत्र में दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि कालिता और नरवाल ने दंगों में न सिर्फ खुद की संलिप्तता स्वीकार की है, बल्कि घोष, अपूर्वानंद और रॉय का नाम भी अपने संरक्षकों के तौर पर लिया है। इन लोगों ने इनसे सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए कहा था। उनसे किसी भी हद तक जाने को कहा गया था।
कब हुआ था दिल्ली दंगा
दिल्ली में दंगा तब शुरू हुआ तब सरकार के एनआरसी और सीएए का विरोध हो रहा था। इसी बीच यह कानून के विरोध ने तूल ले लिया और उत्तर-पूर्वी (North -East District) में 23 से 26 फरवरी के बीच दंगे भड़क गए थे। इस दंगे में जमकर उत्पात मचाया गया। हालांकि दिल्ली पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ करइस मामले में कई अहम सुराग हासिल कर चुकी है। बता दें कि दंगे में 53 लोगों की मौत हो गई थी वहीं 581 लोग घायल हो गए थे। इनमें से 97 लोगों को गोली लगी थी जिसके कारण घायल हुए थे।
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