Move to Jagran APP

Delhi-Mumbai Expressway: दिल्ली से मुंबई एक्सप्रेस-वे पर जल्द भर्राटा भरेंगे वाहन, 20 घंटे का सफर महज 12 घंटे में होगा पूरा

Delhi-Mumbai Expressway दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेस-वे प्रोजेक्ट का करीब 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इस एक्सप्रेस-वे के चालू होते ही दिल्ली से मुंबई पहुंचने की राह आसान हो जाएगी। पिछले दिनों सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट पूरा होने को लेकर जानकारी साझा की थी।

By Pradeep ChauhanEdited By: Published: Wed, 13 Jul 2022 01:01 PM (IST)Updated: Wed, 13 Jul 2022 01:01 PM (IST)
Delhi-Mumbai Expressway: दिल्ली से मुंबई एक्सप्रेस-वे पर जल्द भर्राटा भरेंगे वाहन, 20 घंटे का सफर महज 12 घंटे में होगा पूरा
Delhi-Mumbai Expressway:एक्सप्रेस-वे के चालू होते ही दिल्ली से मुंबई पहुंचने की राह आसान हो जाएगी।

नई दिल्ली, जागरण डिजिटल डेस्क। Delhi-Mumbai Expressway: दिल्ली-एनसीआर से मुंबई का सफर करने वाले वाहन चालकों के लिए खुशखबरी है। दरअसल, मुंबई से दिल्ली एक्सप्रेसवे पर वाहन जल्द ही भर्राटा भरते हुए नजर आएंगे। दिल्‍ली-मुंबई एक्‍सप्रेस-वे प्रोजेक्ट का करीब 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इस एक्सप्रेस-वे के चालू होते ही दिल्ली से मुंबई पहुंचने की राह आसान हो जाएगी।

loksabha election banner

पिछले दिनों सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट पूरा होने को लेकर जानकारी साझा की थी। दरअसल, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे को आठ लेन का बनाया जा रहा है। भविष्य में चार लेन बढ़ाकर इसे 12 लेन तक करने की उम्मीद है। इसके लिए 21 मीटर चौड़ाई की मीडियन बनाई जा रही है। ट्रैफिक का दबाव बढ़ते ही मीडियन को घटाकर एक्सप्रेस-वे को आसानी से चौड़ा किया जा सकेगा।

इन छह राज्यों का होगा विकास

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से मुंबई की दूरी कम करने के साथ ही दोनों की कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए वर्ष 2018 के दाैरान दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे बनाने की योजना बनाई गई थी। अगले साल ही वर्ष 2019 में काम शुरू कर दिया गया। यह न केवल राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एवं आर्थिक राजधानी मुंबई के बीच संपर्क (कनेक्टिविटी) को बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगा, बल्कि दिल्ली एवं महाराष्ट्र में ही नहीं हरियाणा, राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं गुजरात में भी विकास को रफ्तार देगा।

यह दिल्ली-फरीदाबाद-सोहना खंड के गलियारे (कारिडोर) के साथ-साथ जेवर एयरपोर्ट एवं मुंबई में जवाहरलाल नेहरू पोर्ट को एक छोटे संपर्क मार्ग के माध्यम से भी जोड़ेगा। एक्सप्रेस-वे से जयपुर, किशनगढ़, अजमेर, कोटा, चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भोपाल, उज्जैन, इंदौर, अहमदाबाद, वडोदरा एवं सूरत जैसे आर्थिक केंद्रों की कनेक्टिविटी और बेहतर होगी।

वन्य जीवों के लिए सुविधा

यह एशिया का पहला व दुनिया का दूसरा एक्सप्रेस-वे होगा जिसमें वन्यजीवों की आवाजाही की सुविधा के लिए पशु हवाई पुल (ओवरपास) की सुविधा होगी। दो आठ लेन की सुरंग भी होगी। इनमें से पहली मुकुंदरा अभयारण्य के नीचे से चार किलोमीटर लंबी बनाई जा रही है। दूसरी सुरंग माथेरान पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्र (इको सेंसिटिव जोन) में भी चार किलोमीटर लंबी सुरंग होगी। इनके अलावा भी कई सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।

पूरे प्रोजेक्ट पर एक नजर

  • नौ किलोमीटर का हिस्सा दिल्ली से होकर गुजरेगा। इसके ऊपर 1800 करोड़ रुपये की लागत।
  • हरियाणा से होकर 160 किलोमीटर हिस्सा गुरजेगा। इसके ऊपर 10,400 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
  • राजस्थान से होकर 374 किलोमीटर हिस्सा गुजरेगा। इसके ऊपर 16,600 करोड़ रुपये की लागत ।
  • मध्य प्रदेश से होकर 245 किलाेमीटर हिस्सा गुजरेगा। इसके ऊपर 11,100 करोड़ रुपये की लागत आएगी।
  • गुजरात से होकर 423 किलोमीटर हिस्सा गुजरेगा। इसके ऊपर 35,100 करोड़ रुपये खर्च होंगे ।
  • महाराष्ट्र में एक्सप्रेस-वे का हिस्सा 171 किलोमीटर का होगा। इसके ऊपर 23, 000 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे की खासियत

  • दिल्ली से मुंबई के बीच आवागमन में 24 घंटे की जगह केवल 12 घंटे लगेंगे।
  • एक्सप्रेस-वे के निर्माण से 130 किलोमीटर की दूरी कम होने की उम्मीद है।
  • हर साल 32 करोड़ लीटर से अधिक ईंधन की बचत होने की उम्मीद है।
  • कार्बन डाई आक्साइड उत्सर्जन में 85 करोड़ किलोग्राम की कमी आएगी।
  • 85 करोड़ किलोग्राम की कमी चार करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है।
  • एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ 40 लाख से अधिक पौधे लगाए जाने का विचार।
  • जल संचयन को ध्यान में रखकर प्रत्येक 500 मीटर पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम होगा।
  • निर्माण सामग्रियों का उपयोग
  •  एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 12 लाख टन से अधिक स्टील की खपत होगी। यह 50 हावड़ा पुलों के निर्माण के बराबर है।
  •  लगभग 35 करोड़ घन मीटर मिट्टी को स्थानांतरित किया जाएगा जो चार करोड़ ट्रकों के लदान के बराबर है।
  • 80 लाख टन सीमेंट की खपत होगी जो देश की वार्षिक सीमेंट उत्पादन क्षमता का लगभग दो प्रतिशत है।
  • हजारों प्रशिक्षित सिविल इंजीनियरों एवं 50 लाख से अधिक मानव दिवसों के काम के लिए रोजगार का भी सृजन।

प्रोजेक्ट का 70 फीसदी काम पूरा

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के परियोजना निदेशक के मुताबिक दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। इसकी खासियत यह होगी कि इसका निर्माण हर विषय को ध्यान में रखकर किया जा रहा है। इसके निर्माण से न वन्य जीवों को कोई परेशानी नहीं।

जहां भी अभयारण्य है, उसके नीचे से सुरंग बनाई जा रही है। यह देश का पहला आठ लेन का एक्सेस कंट्रोल ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे होगा। 24 घंटे की बजाय 12 घंटे में लोग दिल्ली से मुंबई की दूरी तय करेंगे। इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि इसके निर्माण से देश कितना समृद्ध होगा।

ये भी पढ़ें- Delhi-Mumbai Expressway News: दिल्ली से राजस्थान के दौसा का सफर होगा आसान, जाने किस डेट को होगी एक्सप्रेस-वे की शुरुआत


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.