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Delhi Malaria Death: कोरोना के बाद अब दिल्ली में मलेरिया ने ली जान, प्रशासन में मचा हड़कंप

कोरोना से हो रही मौतों के बाद राजधानी में पांच वर्ष बाद मलेरिया से भी मौत का मामला सामने आया है। सात वर्ष में पहली बार हैं कि राजधानी में मलेरिया से मौत हुई हो। यह मौत दक्षिणी दिल्ली के मदनपुर खादर इलाके जेजे कॉलोनी में हुई है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Tue, 01 Dec 2020 07:19 PM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2020 07:19 PM (IST)
Delhi Malaria Death: कोरोना के बाद अब दिल्ली में मलेरिया ने ली जान, प्रशासन में मचा हड़कंप
राजधानी में पांच वर्ष बाद मलेरिया से भी मौत का मामला सामने आया है।

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोरोना से हो रही मौतों के बाद राजधानी में पांच वर्ष बाद मलेरिया से भी मौत का मामला सामने आया है। सात वर्ष में पहली बार हैं कि राजधानी में मलेरिया से मौत हुई हो। यह मौत दक्षिणी दिल्ली के मदनपुर खादर इलाके जेजे कॉलोनी में हुई है।

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निगम के मुताबिक छह वर्षीय बच्चे को मलेरिया हुआ था जिसका 24 सितंबर निधन हो गया। उसे मलेरिया होने पर होली फैमली अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन शारीरिक रूप से कमजोर और मलेरिया होने की वजह से भर्ती कराने के कुछ ही घंटे बाद उसकी जान चली गई। निगम का कहना है कि बच्चा काफी दिनों से बीमार था देरी से अस्पताल ले जाने की वजह से उसे बचाने में डॉक्टरों को सफलता नहीं मिल पाई।

निगम की रिपोर्ट के मुताबिक बीते सप्ताह तो मलेरिया का कोई मरीज सामने नहीं आया है, लेकिन इस वर्ष अब तक 223 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। वहीं, बीते सप्ताह डेंगू के 49 नए मरीजों के साथ कुल मरीजों का आंकड़ा 950 तक जा पहुंचा है। इसी तरह चिकनगुनिया के एक नए मरीज के साथ 102 मरीज अब तक हो गए है। राहत की बात है कि मलेरिया के अलावा डेंगू और चिकनगुनिया से इस वर्ष कोई मौत नहीं हुई है।

निगमों के फूंले हाथ पांव

सात साल बाद मलेरिया से बच्चे की मौत के बाद दिल्ली के तीनों निगम के हाथ-पांव फूल गए हैं और निगमों ने निगरानी बड़ा दी है। निगम ने इलाके में करीब 100 लोगों की जांच भी की जिसमें सभी लोग नेगेटिव आए हैं। वहीं, आस-पास के इलाकों में फॉगिंग कर दी गई है। निगम के एक अधिकारी ने बताया कि हमने सभी लोगों को सतर्क कर दिया है साथ ही पूरे निगम में विशेष ध्यान देने के लिए कहा गया है। साथ ही जिस इलाके में यह घटना हुई वहां पर भी जांच पूरी होने के बाद लगातार निगरानी की जा रही है।

अधिकारी ने बताया कि जिस परिवार में यह बच्चे की मौत हुई वह परिवार बच्चे के बीमार पड़ने से पहले उत्तर प्रदेश अमरोहा गए थे। संभवत: वहां से भी मलेरिया हुआ हो, लेकिन फिर भी हम अपने कर्मचारियों को मच्छर रोधी अभियान पर विशेष ध्यान देने के लिए कह रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 से पहले निगम मलेरिया से मौत का आंकड़े अलग से नहीं रखता था। निगम रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2013 के बाद यह पहली मौत हैं।

14 हजार की गई जांच 223 ही मिले मलेरिया से ग्रसित

निगम की रिपोर्ट में बताया गया है कि दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 30021 मलेरिया के सैंपल लिए गए हैं। इसमें 14 हजार 539 सैंपलों की जांच की गई है। फिलहाल जांच में 223 ही लोग ही मलेरिया से ग्रसित मिले हैं।

वर्ष-              मलेरिया-        डेंगू-       चिकनगुनिया-             मौत

2015-            331           15730      23                            60

2016             425           4200       7559                         10

2017             572            4645       545                         10

2018            471            2657       161                           4

2019            685            1786       252                           2

2020            223            950         102                           1

(नोट: सभी आंकड़े एक जनवरी से लेकर 28 नवंबर तक के हैं। वर्ष 2015 से लेकर 2019 में मौत के आंकड़े डेंगू के हैं तो वहीं 2020 का आंकड़ा मलेरिया से मौत का है।)

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