एलजी बैजल ने निरस्त किया 'आप' की ओर से गठित वकीलों का पैनल, ये था कारण
उपराज्यपाल कार्यालय को जानकारी मिली थी कि दिल्ली के कानून मंत्री ने आदेश जारी कर कहा है कि पैनल में शामिल वकील दिल्ली हाई कोर्ट में दिल्ली सरकार के मुकदमों की पैरवी करेंगे और कानूनी राय देंगे।
नई दिल्ली [जेएनएन]। उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली सरकार द्वारा गठित वकीलों के पैनल को निरस्त कर दिया है। इसके लिए उनसे अनुमति नहीं ली गई थी। इसके अलावा अन्य नियमों का भी पालन नहीं किया गया था। इस पैनल में 13 वकील शामिल थे, जो विभिन्न विभागों को अपनी सेवाएं दे रहे थे। कानून मंत्री ने नवंबर व जनवरी में अपने स्तर पर इस पैनल का गठन किया था।
वकीलों को वेतन न दिया जाए
सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव अंशु प्रकाश ने उपराज्यपाल के निर्देश पर बृहस्पतिवार को पैनल निरस्त किए जाने के बारे में आदेश जारी कर दिया। उन्होंने कहा है कि इस पैनल को अवैध रूप से बनाया गया है, इसलिए इसकी सेवाएं न ली जाएं। वहीं, वित्त विभाग ने इस बारे में वेतन एवं लेखा विभाग को भी सूचित कर दिया है कि इन वकीलों को वेतन न दिया जाए।
दिल्ली सरकार से मांगी जानकारी
उपराज्यपाल कार्यालय को जानकारी मिली थी कि दिल्ली के कानून मंत्री ने आदेश जारी कर कहा है कि पैनल में शामिल वकील दिल्ली हाई कोर्ट में दिल्ली सरकार के मुकदमों की पैरवी करेंगे और कानूनी राय देंगे। इस पर उपराज्यपाल सचिवालय ने दिल्ली सरकार से जानकारी मांगी थी।
नहीं किया गया नियमों का पालन
कानून विभाग के सचिव द्वारा दी गई रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि इस पैनल के लिए उपराज्यपाल से अनुमति नहीं ली गई है। इसके अलावा अन्य नियमों का भी पालन नहीं किया गया। 16 मई को उपराज्यपाल सचिवालय द्वारा इस संबंध में भेजे गए नोट के आधार पर मुख्य सचिव ने 17 मई को कार्रवाई कर दी।
पहले से रही है तनातनी
बता दें कि वकीलों को लेकर दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल सचिवालय के बीच शुरू से ही तनातनी रही है। उपराज्यपाल पहले भी बगैर उनकी स्वीकृति के हुई नियुक्तियों को निरस्त कर चुके हैं।
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