Move to Jagran APP

धरना देने के बजाय बेहतर होता मुझसे चर्चा करते, उम्मीद है केजरीवाल विशेष ध्यान देंगे: एलजी

बैजल ने कहा कि धरने पर बैठकर घंटों खराब करने के बजाय अगर पानी के मुद्दे की गंभीरता समझ सीएम केजरीवाल चर्चा कर ली होती तो कहीं ज्यादा बेहतर होता।

By Edited By: Published: Fri, 18 May 2018 08:25 PM (IST)Updated: Sat, 19 May 2018 05:50 PM (IST)
धरना देने के बजाय बेहतर होता मुझसे चर्चा करते, उम्मीद है केजरीवाल विशेष ध्यान देंगे: एलजी

नई दिल्ली [जेएनएन]। सीसीटीवी कैमरे के बाद हरियाणा से दिल्ली की जलापूर्ति का मुद्दा भी गरमाता जा रहा है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को इस मुद्दे पर उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिख हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था। प्रत्युत्तर में शनिवार को बैजल ने भी केजरीवाल को पत्र लिखा। बैजल ने कहा कि धरने पर बैठकर घंटों खराब करने के बजाय अगर इस मुद्दे की गंभीरता समझ चर्चा कर ली होती तो कहीं ज्यादा बेहतर होता।

loksabha election banner

मुख्यमंत्री ने गुरुवार को उपराज्यपाल को पत्र लिखकर हरियाणा सरकार से दिल्ली को उसके हिस्से का पानी दिलाने में सहयोग का अनुरोध किया था। बैजल ने इस पत्र के मद्देनजर शुक्रवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती को पत्र लिखा। दोनों से दिल्ली में पर्याप्त पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप के लिए कहा गया है।

यह जटिल मुद्दा उठाया था

उपराज्यपाल ने केजरीवाल को उनके पत्र का जवाब देते हुए कहा कि दिल्ली में पर्याप्त पानी की आपूर्ति के मुद्दे को हल करने में मेरा पूरा समर्थन है। इसके साथ ही उन्होंने केजरीवाल को आड़े हाथों भी लिया। उन्होंने पत्र में लिखा कि पहली बार 16 मई को मुख्यमंत्री ने यह जटिल मुद्दा उठाया था। वह भी बिना किसी पृष्ठभूमि नोट और सामग्री, अन्य मुद्दों के साथ उनके पास लाया गया था।

धरने पर समय बर्बाद किया

16 मई की बैठक से पहले मुख्यमंत्री ने पिछले दो महीने से इस मुद्दे पर प्रत्येक बुधवार को होने वाली हर बैठक को निरस्त किया, जबकि इस मुद्दे के महत्व को देखते हुए मुख्यमंत्री को जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ पहले ही चर्चा कर लेनी चाहिए थी। इसके बजाय उन्होंने बिना किसी कारण के धरने पर समय बर्बाद किया। अब जबकि मामला जटिल स्थिति में पहुंच गया है तो तीखा पत्र और संदेश भेज रहे हैं।

संवाद के माध्यम हल करने का प्रयास

राजनिवास ने यह भी पाया कि जिस तरह से मुख्यमंत्री द्वारा भेजे गए सभी पत्र उनके कार्यालय पहुंचने से पहले सोशल मीडिया पर पहुंच रहे हैं, वह इस मुद्दे को गंभीरता से हल करने के बजाय सनसनीखेज करने का प्रयास दर्शाता है। उपराज्यपाल ने कहा कि लाभार्थी राज्यों के बीच जल साझा करना बहुत संवेदनशील और नाजुक मुद्दा है। इस पर टकराव के बजाय संवाद के माध्यम से इसे हल करने का प्रयास करना चाहिए।

मुख्यमंत्री विशेष ध्यान देंगे

उपराज्यपाल ने केजरीवाल से अनुरोध किया कि वह अपर यमुना रिवर बोर्ड और अन्य हितधारकों के साथ मिलकर मामले को स्थायी स्तर पर हल करें। जल ही एक ऐसा पोर्टफोलियो है जो सीधे मुख्यमंत्री के पास है और वह जल बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री इस मामले में विशेष ध्यान देंगे।

यह भी पढ़ें: PM मोदी की सलाह पर अमल की तैयारी, खेलकूद के जरिये युवाओं के दिल में उतरेगी भाजपा


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.