दिल्ली के कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित, जल बोर्ड ने हरियाणा को ठहराया जिम्मेदार
हरियाणा द्वारा छोड़े जा रहे पानी में प्रदूषण अधिक है। इस वजह से जल बोर्ड पानी का वजीराबाद जलाशय में भंडारण नहीं कर पा रहा है। इससे दोनों जल शोधन संयंत्रों से पानी की आपूर्ति 25 फीसद प्रभावित है।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। यमुना में अमोनिया का संकट लगातार तीन दिनों से बरकरार है। साथ वजीराबाद जलाशय का जलस्तर भी कम बना हुआ है। इससे कई इलाकों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है। दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने इसके लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जल्द ही हरियाणा सरकार के साथ मिलकर इस समस्या का समाधान निकाला जाएगा। उन्होंने सोमवार को मामले की जानकारी अपर यमुना रिवर बोर्ड के अधिकारियों को भी दी।
उन्होंने कहा कि जल बोर्ड इस मामले में लगातार हरियाणा सरकार से सहयोग की मांग कर रहा है, लेकिन उनका व्यवहार निराशाजनक है। पिछले सप्ताह से ही यमुना का जलस्तर लगातार घट रहा है। इस बाबत हरियाणा के सिंचाई विभाग को सूचना दी गई, फिर भी स्थिति सामान्य करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए। मौजूदा समय में वजीराबाद जलाशय का स्तर 674.50 फीट से घटकर 672.20 फीट पर आ गया है। इससे पेयजल आपूर्ति प्रभावित हुई है।
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फरवरी 1996 के आदेश के मुताबिक वजीराबाद जलाशय का जलस्तर हमेशा पूरा रखना जरूरी है। ऐसा न होने से वजीराबाद और चंद्रावल जल शोधन संयंत्रों से पानी की आपूर्ति प्रभावित होती है। इसका असर मध्यम दिल्ली, उत्तरी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली और दक्षिणी दिल्ली के इलाकों में पड़ता है।
यमुना में अमोनिया का जल स्तर 2.4 पीपीएम
जल बोर्ड के अनुसार, मौजूदा समय में भी यमुना में अमोनिया की मात्रा 2.4 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) है। हरियाणा द्वारा छोड़े जा रहे पानी में प्रदूषण अधिक है। इस वजह से जल बोर्ड पानी का वजीराबाद जलाशय में भंडारण नहीं कर पा रहा है। इससे दोनों जल शोधन संयंत्रों से पानी की आपूर्ति 25 फीसद प्रभावित है। बता दें कि दिल्ली में इससे पहले भी यमुना नदी में अमोनिया का लेबल बढ़ गया था। इसकी वजह से उस समय भी जल संकट पैदा हो गया था।
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