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Oxygen Crisis in Delhi: अदालत के सामने अस्पतालों ने रखी अपनी बेबसी, कहा- Please help

सरोज अस्पताल की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता प्रभासहाय कौर ने कहा कि हमारे पास पांच मिनट का ऑक्सीजन और 45 मिनट का बैकअप है लेकिन नोडल अधिकारी फोन नहीं उठा रहे हैं। पीठ ने कहा कि जब आक्सीजन नहीं है तो नोडल अधिकारी क्या कर सकता है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sat, 24 Apr 2021 09:11 PM (IST)Updated: Sat, 24 Apr 2021 09:11 PM (IST)
बत्रा अस्पताल ने कहा कि उनके पास 500 बेड है वे आक्सीजन भराने के लिए केंद्र पर नहीं जा सकते

नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। ऑक्सीजन की कमी होने पर शनिवार को महाराज अग्रसेन अस्पताल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की। अधिवक्ता आलोक कुमार अग्रवाल के माध्यम याचिका दायर कर अस्पताल ने कहा कि हमारे पास 306 मरीज हैं और इनमें से 100 की स्थिति गंभीर है। उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन की कमी होने पर उन्होंने अधिवक्ता राहुल मेहरा से संपर्क किया और हमें कुछ मदद मिली। हालांकि, हमने मरीजों को निकालना शुरू कर दिया। उन्होंने बताया कि अस्पताल को सिर्फ .5 टन ऑक्सीजन सुबह दिया गया, जोकि एक घंटे के लिए ही था।

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इस पर पीठ ने अधिवक्ता आलोक कुमार अग्रवाल से कहा कि हमें समस्या पड़ा है और हम लगातार जब भी याचिका दायर हो रही है सुनवाई कर रहे हैं, लेकिन आखिरकार आपको नोडल अधिकारी से ही संपर्क करना पड़ेगा। सुनवाई के दौरान अग्रसेन अस्पताल समेत अन्य अस्पतालों ने पीठ से उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराने की भी मांग की। पीठ ने कहा जहां तक सुरक्षा का सवाल है दिल्ली पुलिस की व्यवस्था करे। एक अन्य अस्पताल की तरफ से पेश हुए सचित दत्ता ने कहा कि उनके अस्पताल में 25 लोगों की मौत हुई है, प्राधिकारियों से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

नोडल अधिकारी नहीं उठा रहे फोन

सरोज अस्पताल की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता प्रभासहाय कौर ने कहा कि हमारे पास पांच मिनट का ऑक्सीजन और 45 मिनट का बैकअप है, लेकिन नोडल अधिकारी फोन नहीं उठा रहे हैं। पीठ ने कहा कि जब आक्सीजन नहीं है तो नोडल अधिकारी क्या कर सकता है। उन्होंने कहा कि अगर हमें दस मैट्रीक टन ऑक्सीजन दिया जा सके तो चारों अस्पतालों का आज का काम हो जाएगा। सुनवाई के दौरान जयपुर गोल्डन अस्पताल ने कहा कि अगर ऑक्सीजन की आपूर्ति नहीं की गई तो और लोगों की जान जा सकती है। वहीं बत्रा अस्पताल ने कहा कि उनके पास 500 बेड है वे आक्सीजन भराने के लिए केंद्र पर नहीं जा सकते हैं।

हम जो कर सकते हैं कर रहे हैं: कोर्ट

सभी पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने कहा कि हम निर्देश देने की स्थिति में नहीं हैं। हम जो कर सकते हैं वो कर रहे हैं। पीठ ने कहा ऐसा नहीं है कि दिल्ली के पास ऑक्सीजन है, लेकिन हम लोगों की जिंदगियों को लेकर चिंतित हैं। पीठ ने कहा कि जैसे ही ऑक्सीजन की आपूर्ति होगी आप सभी की मांग पर विचार किया जाएगा।


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