कोर्ट परिसर में विरोध-प्रदर्शन करना पड़ेगा महंगा, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- भुगतने पड़ेंगे गंभीर परिणाम
सीएम केजरीवाल के प्रदर्शन का मामला अधिवक्ता वैभव सिंह ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के समक्ष उठाया। इस पर न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि अदालत में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के परिणाम गंभीर होंगे। अदालतों में आने से किसी को रोका नहीं जा सकता और हम किसी से अदालत जाने का अधिकार नहीं छीन सकते। अगर कोई ऐसा करता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ आप के लीगल सेल द्वारा विभिन्न जिला अदालत परिसर में विरोध प्रदर्शन करने के मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने कड़ी चेतावनी दी है। कोर्ट ने कहा कि इसके परिणाम गंभीर होंगे।
बुधवार को प्रदर्शन का मामला अधिवक्ता वैभव सिंह ने कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के समक्ष उठाया। इस पर न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि अदालत में विरोध प्रदर्शन आयोजित करने के परिणाम गंभीर होंगे। अदालतों में आने से किसी को रोका नहीं जा सकता और हम किसी से अदालत जाने का अधिकार नहीं छीन सकते। अगर कोई ऐसा करता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उक्त टिप्पणी के साथ ही अदालत ने अधिवक्ता की याचिका को बृहस्पतिवार के लिए सूचीबद्ध कर दिया।
परिसर का इस्तेमाल राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश व न्यायमूर्ति मनमीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की पीठ के समक्ष अधिवक्ता वैभव सिंह ने कहा कि अदालत परिसर का उपयोग राजनीतिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जा सकता है। केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था और बाद में दिल्ली की एक अदालत ने 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था।