Delhi: एक सितंबर से शारीरिक दूरी का पालन कर हाई कोर्ट की पांच पीठ करेंगी सुनवाई
हाई कोर्ट में प्रतिदिन पांच पीठ सुनवाई करेंगी जो रोजाना बदलती रहेंगी। इसमें दो सदस्यीय पीठ दो होंगी जबकि तीन एकल पीठ होंगी।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। कोरोना महामारी के कारण ठप पड़ी दिल्ली हाई कोर्ट की अदालतें आखिरकार पांच महीने बाद एक बार फिर बैठेंगी। दिल्ली हाई कोर्ट ने शारीरिक दूरी का पालन करने और कोर्ट प्रक्रिया में शामिल होने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी किया है। हाई कोर्ट में प्रतिदिन पांच पीठ सुनवाई करेंगी, जो रोजाना बदलती रहेंगी और अन्य पीठ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई करती रहेंगी।
24 मार्च के बाद से हाई कोर्ट की सभी अदालतें वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई कर रही हैं। हर की सुनवाई की कॉज-लिस्ट में यह भी स्पष्ट किया जाएगा कि कौन से मामलों की सुनवाई हाई कोर्ट में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए होगी और किसकी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से होगी।
रजिस्ट्रार जनरल मनोज जैन द्वारा जारी किए गए कार्यालय आदेश में कहा गया कि हाई कोर्ट के सामान्य कामकाज में छूट को देखते हुए अदालतों में निलंबन की समयसीमा 30 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। एक सितंबर से 30 सितंबर के लिए सूचीबद्ध किए गए सभी मामलों को तीन नवंबर से सात दिसंबर के लिए सूचीबद्ध कर दिया गया है। हाई कोर्ट में उन्हीं अधिवक्ता को प्रवेश दिया जाएगा जिनका मामला सूचीबद्ध होगा। कॉज-लिस्ट में निर्धारित किए गए समय पर ही अधिवक्ता व वादी को कोर्ट परिसर के अंदर आने की अनुमति होगी। इस दौरान इंटर्न, विधि छात्र, वादी के रिश्तेदार और गैर-पंजीकृत क्लर्क को कोर्ट ब्लाक में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इतना ही नहीं 65 वर्ष से अधिक के अधिवक्ता, क्लर्क और वादी के भी कोर्ट ब्लाक आने पर प्रतिबंध है।
कोर्ट रूम से लेकर हॉल तक में सेंट्रल एसी को ज्यादा तापमान पर चलाया जाएगा और अदालत कक्ष में पंखे का इंतजाम किया गया है। इसके अलावा, हर ब्लॉक में एक्जॉस्ट सिस्टम लगाया गया है, ताकि हवा को बाहर निकाला जा सके।
मास्क पहनना अनिवार्य
हाई कोर्ट परिसर आने वाले अधिवक्ता से लेकर क्लर्क व वादी को हर समय मास्क पहनना अनिवार्य होगा और निर्धारित प्रवेश द्वार से थर्मल जांच कराना भी अनिवार्य होगा। इसके साथ ही प्रवेश द्वारा हाथ सैनेटाइज करने से लेकर छह फीट की शारीरिक दूरी के नियमों का सख्ती से पालन करना होगा। हर दिन हाई कोर्ट की इमारतों को पूरी तरह से साफ करने के लिए सफाई कर्मियों को तीन बजे तक दे दिया जाएगा।
हाई कोर्ट में होगी चिकित्सा सुविधा
हाई कोर्ट में कोविड-19 की आपात स्थिति होने पर अतिरिक्त एंबुलेंस से लेकर अन्य चिकित्सा सुविधा भी होगी। इसके साथ ही हाई कोर्ट में कोविड-19 के लिए समर्पित आइसोलेशन रूम होगा, ताकि कोरोना के लक्षण वाले व्यक्ति को अस्पताल में स्थानांतरित करने से पहले उसे वहां रखा जा सके। अस्पताल स्थानांतरित करने के बाद उक्त कमरे को सैनेटाइज किया जाएगा।
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