दिल्ली हाई कोर्ट ने 3,337 विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत 30 दिन के लिए बढ़ाई
हाई कोर्ट उच्च स्तरीय समिति की अध्यक्ष न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकार को निर्देश दिया कि वह सभी कैदियों की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने को लेकर हाई कोर्ट के तीन सदस्य पीठ के समक्ष इस प्रस्ताव को रखें।
नई दिल्ली [विनीत]। कोरोना महामारी को देखते हुए दिल्ली हाई कोर्ट की उच्च स्तरीय समिति ने अंतरिम जमानत पर रिहा हुए 3337 विचाराधीन कैदियों की अंतरिम जमानत 30 दिनों तक और बढ़ाने का फैसला किया है। इसके साथ ही पैरोल पर बाहर 1182 कैदियों की पैरोल की अवधि चार सप्ताह तक और बढ़ाने का फैसला किया है। इन सभी के मामलों को हाई कोर्ट के तीन सदस्य पीठ के समक्ष रखा जाएगा जो उसको लेकर न्यायिक आदेश पारित करेंगे।
हाई कोर्ट उच्च स्तरीय समिति की अध्यक्ष न्यायमूर्ति हिमा कोहली ने दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकार को निर्देश दिया कि वह सभी कैदियों की अंतरिम जमानत अवधि बढ़ाने को लेकर हाई कोर्ट के तीन सदस्य पीठ के समक्ष इस प्रस्ताव को रखें। कमेटी ने जेल महा निरीक्षक को भी निर्देश दिया कि वह पैरोल की अवधि बढ़ाने को लेकर दिल्ली सरकार को पत्र लिखें, ताकि इस पर उचित कदम उठाया जा सके।
कमेटी में विचार किया गया कि वर्तमान में जेल में कैदियों की संख्या लगभग 15900 के आसपास है और और हाई कोर्ट ने संगीन मामले में अंतरिम जमानत पर रहे 2674 कैदियों को आत्मसमर्पण करने को कहा है, जिन्हें दो नंबर से लेकर 13 नवंबर तक आत्मसमर्पण करना है। ऐसी स्थिति में कैदियों की संख्या लगभग 22 हजार के आसपास हो जाएगी। जो कैदी आत्मसमर्पण करेंगे उन्हें 14 दिन आइसोलेशन में रखा जाएगा। इससे कैदियों को जेल में रखने को लेकर विकट स्थिति पैदा हो सकती है। कमेटी ने कैदियों को यह छूट दी है कि अगर वह नियमित जमानत चाहते हैं तो इसको लेकर संबंधित अदालत के समक्ष याचिका दाखिल कर सकते हैं।
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