Delhi High Court: AIIMS को महाराजा अग्रसेन अस्पताल की जांच के आदेश
इस मामले में हुई जांच में कोई कार्रवाई नहीं होने पर भूषण ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की। मामले में कमेटी गठित की गई थी और जांच कमेटी ने पाया था कि इलाज नियमित चिकित्सा प्रक्रिया के तहत किया गया था और मानकों का पालन किया गया था।
विनीत त्रिपाठी नई दिल्ली। महाराजा अग्रसेन अस्पताल और रोहिणी स्थित एक हार्ट लैब क्लीनिक के डॉ. बीबी चन्ना के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट ने जांच का आदेश दिया है। एक याचिका पर न्यायमूर्ति प्रतिबा एम सिंह की पीठ ने इस मामले में हुई जांच को रद करते हुए एम्स की कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉक्टर अनिता सक्सेना की अध्यक्षता वाली कमेटी को मामले की जांच का आदेश दिया है।
पीठ ने कहा कि सभी पक्षों को नोटिस करके और सुबूतों के आधार पर चार सप्ताह के अंदर मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाए। इसके साथ याचिका का निपटारा कर दिया गया। याचिकाकर्ता भूषण कुमार सिंघल की याचिका के अनुसार उनके भाई पवन कुमार कार्डियक एलाइनमेंट की बीमारी से ग्रस्त थे। 26 मार्च 2016 को भूषण अपने भाई पवन को लेकर हार्ट लैब क्लीनिक गए, जहां डॉ. बीबी चन्ना ने पवन को अग्रसेन अस्पताल के लिए ट्रांसफर कर दिया। बीबी चन्ना अग्रसेन अस्पताल में डॉक्टर हैं।
भूषण का आरोप है कि अस्पताल और डॉक्टर की लापरवाही से एक अप्रैल 2016 को उनके भाई की मौत हो गई थी। आरोप है कि उनके भाई की एंजियोग्राफी करने के लिए न तो उनकी और न ही उनके भाई की सहमति ली गई। कंसेंट लेटर पर उनके फर्जी हस्ताक्षर किये गए। भूषण ने कहा कि उनकी शिकायत पर मुख्यमंत्री ने 31 अगस्त 2018 को जांच का आदेश दिया था।
हालांकि, इस मामले में हुई जांच में कोई कार्रवाई नहीं होने पर भूषण ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की। वहीं, बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने दलील दी कि मामले में कमेटी गठित की गई थी और जांच कमेटी ने पाया था कि इलाज नियमित चिकित्सा प्रक्रिया के तहत किया गया था और सभी मानकों का पालन किया गया था।
2016 में अस्पताल की लापरवाही से एक व्यक्ति की हुई थी मौत, अस्पताल और हार्ट लैब क्लीनिक के खिलाफ दर्ज हुआ था मामला
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