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Delhi News: शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपित को हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से किया इन्कार

Delhi News वर्ष 2019 में महिला को पता चला कि उसने अपनी पत्नी से तलाक नहीं लिया है। उसने दावा किया महिला ने उसके कृत्य को माफ करते हुए उसके साथ सहमति से संबंध बनाना जारी रखा। वैवाहिक वेबसाइट पर भी आरोपित ने नाम व पता बदला था।

By Vineet TripathiEdited By: Pradeep Kumar ChauhanPublished: Tue, 25 Oct 2022 07:27 PM (IST)Updated: Tue, 25 Oct 2022 07:27 PM (IST)
Delhi News: शादी का झांसा देकर दुष्कर्म करने के आरोपित को हाईकोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से किया इन्कार
Delhi News: आरोपित ने याचिका में कहा कि इसके बाद दिल्ली से बाहर भी उनके बीच शारीरिक संबंध बना।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। शादीशुदा होने के बावजूद शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने के आरोपित को दिल्ली हाई कोर्ट ने अग्रिम जमानत देने से इन्कार कर दिया।न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने कहा कि आरोपित ने हर अवसर पर महिला को धोखा दिया। आरोपित को भगोड़ा घोषित किया गया था, ऐसे में वह राहत का हकदार नहीं है।वसंत कुंज थाने में हुई प्राथमिकी के मामले में आरोपित ने अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी।महिला ने शिकायत में आरोप लगाया है कि अक्टूबर 2018 से शादी के बहाने उसका शोषण किया जा रहा था।

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आरोपित ने अक्टूबर 2018 में किया शादी करने का वादा

वहीं, आरोपित ने कहा कि शादी करने का वादा अक्टूबर 2018 में किया था, जब वह एक वैवाहिक वेबसाइट पर मिले थे और उनके बीच शारीरिक संबंध बने थे।आरोपित ने याचिका में कहा कि इसके बाद दिल्ली से बाहर भी उनके बीच शारीरिक संबंध बना।वर्ष 2019 में महिला को पता चला कि उसने अपनी पत्नी से तलाक नहीं लिया है। उसने दावा किया महिला ने उसके कृत्य को माफ करते हुए उसके साथ सहमति से संबंध बनाना जारी रखा।

वैवाहिक वेबसाइट पर भी आरोपित ने नाम व पता बदला

उसने कहा कि अब महिला यह दलील नहीं दे सकती कि वह निर्दोष थी, क्योंकि फरवरी तक उसने उसके साथ सहमति से संबंध बनाए थे।हालांकि, अदालत ने कहा कि प्राथमिकी से पता चलता है कि उस व्यक्ति ने खुद को तलाकशुदा होने की गलत जानकारी दी थी और उसकी पत्नी और बच्चे कनाडा में रह रहे थे।इतना ही नहीं वैवाहिक वेबसाइट पर भी आरोपित ने नाम व पता बदला था। 

याचिका में कोई नहीं है कोई योग्यता

उधर, प्राइवेट मेंबर बिल में राज्यसभा सदस्य राकेश सिन्हा की मदद करने के मामले में नियामक द्वारा रिजर्व बैंक आफ इंडिया (आरबीआइ) के वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ शुरू की गई कार्यवाही पर रद करने की मांग को दिल्ली हाई कोर्ट ने ठुकरा दिया है। वरिष्ठ अधिकारी साकेत कुमार शर्मा की याचिका को निरस्त करते हुए न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि याचिका में कोई योग्यता नहीं है।

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