महिलाओं की शादी की न्यूनतम आयु को लेकर HC ने भेजा केंद्र सरकार को नोटिस
हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि शादी के लिए न्यूनतम आयु महिला और पुरुष की बराबर होनी चाहिए।
नई दिल्ली, एएनआइ। शादी के लिए लड़कियों की न्यूनतम उम्र को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने केंद्र सरकार और लॉ कमीशन को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी।
दरअसल, हाई कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है जिसमें कहा गया है कि शादी के लिए न्यूनतम आयु महिला और पुरुष की बराबर होनी चाहिए। कोर्ट इसी मामले की सुनवाई कर रहा है।
याचिका में कहा गया है कि विवाह के लिए उम्र का निर्धारण लड़के के लिए अलग और लड़कियों के लिए अलग किया गया है जोकि लैंगिक समानता, न्याय और महिलाओं के सम्मान के खिलाफ है। शादी के लिए लड़कों की उम्र 21 वर्ष और लड़कियों की 18 वर्ष न्यूनतम उम्र बताई गई है। यह व्यवस्था महिलाओं व पुरुषों में भेद करती है।
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अश्विनी कुमार उपाध्याय ने दायर की है याचिका
भाजपा नेता और वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने याचिका में लड़कियों और लड़कों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र एक समान करने की मांग की है। याचिकाकर्ता ने मौजूदा व्यवस्था को महिलाओं की गरिमा, लैंगिक समानता व न्याय के खिलाफ करार दिया है। याचिका में दावा किया है कि लड़के लड़कियों के लिए न्यूनतम वैवाहिक उम्र का निर्धारण हमारे समाज में भेदभाव को दर्शाता है क्योंकि इसके पीछे कोई वैज्ञानिक तथ्य नहीं है। यह कानूनी तौर पर और हकीकत में भी महिलाओं के प्रति असमानता को दर्शाता है और वैश्विक चलन के भी खिलाफ है।