अदालतों की सिक्योरिटी के लिए हाई कोर्ट सख्त, दिल्ली पुलिस से छह सप्ताह में मांगा ताजा रिपोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को हाई कोर्ट समेत सभी निचली अदालतों का ताजा सिक्याेरिटी आडिट करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार व दिल्ली पुलिस को छह सप्ताह के अंदर आडिट रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
नई दिल्ली [विनीत त्रिपाठी]। रोहिणी कोर्ट में हुए शूटआउट के बाद हाई कोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लेकर शुरू की गई जनहित याचिका सुनवाई करते हुए दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को हाई कोर्ट समेत सभी निचली अदालतों का ताजा सिक्याेरिटी आडिट करने का निर्देश दिया। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा व न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने दिल्ली सरकार व दिल्ली पुलिस को छह सप्ताह के अंदर आडिट रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
अदालतों के हैं अलग- अलग मुद्दे
सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मोहित माथुर ने मुख्य पीठ को बताया कि विभिन्न निचली अदालतों के अलग-अलग मुद्दे हैं और इसे एक तरीके से नहीं देखा जा सकता है। उन्होंने पीठ को सूचित किया कि कुछ निचली अदालत में जहां दो से तीन प्रवेश द्वार हैं तो एक अदालत में 12 प्रवेश द्वार हैं। वहीं, हाई कोर्ट में प्रवेश के पांच द्वार हैं।
ताजा सिक्योरिटी आडिट के लिए मांगा समय
वहीं, दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए स्टैंडिंग काउंसल संतोष कुमार त्रिपाठी व केंद्र सरकार की तरफ से पेश हुए एडिशनल सालिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने ताजा सिक्योरिटी आडिट करने की बात करते हुए समय देने की मांग की।
अदालत ने दिया छह सप्ताह का समय
पीठ ने अनुरोध को स्वीकार करते हुए छह सप्ताह का समय दिया और सुनवाई स्थगित कर दी। 24 सितंबर, 2021 को रोहिणी कोर्ट रूम के अंदर गैंगस्टर जितेंद्र गोगी की पेशी के दौरान टिल्लू गैंग के बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वकील की वेशभूषा में आए टिल्लू गैंग के दो बदमाश भी पुलिस की फायरिंग में मारे गए थे।
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