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दिल्ली में अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारी होंगे परमानेंट, केजरीवाल सरकार देने जा रही खुशखबरी

दिल्ली सरकार के सेवा विभाग ने भी अनुबंध पर काम करने वाले कमर्चारियों के सेवा विस्तार के बारे में विभाग प्रमुखों को पत्र लिखा है। वित्त विभाग ने प्रधान सचिवों और सचिवों को सर्कुलर जारी कर उनसे इस बारे में अपने-अपने विभागों से प्रस्ताव पेश करने को कहा है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Sun, 27 Sep 2020 08:36 AM (IST)Updated: Sun, 27 Sep 2020 01:49 PM (IST)
दिल्ली में अनुबंध पर काम करने वाले कर्मचारी होंगे परमानेंट, केजरीवाल सरकार देने जा रही खुशखबरी
दिल्ली के सीएम केजरीवाल की फाइल फोटो

नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार अस्थायी पदों को स्थायी करने पर विचार कर रही है। वित्त विभाग ने प्रधान सचिवों और सचिवों को सर्कुलर जारी कर उनसे इस बारे में अपने-अपने विभागों से प्रस्ताव पेश करने को कहा है। दिल्ली सरकार ने अपने विभागों से जो विवरण मांगा है उसमें नामावली, अस्थायी पदों की संख्या, किस उद्देश्य से उन्हें सृजित किया गया था और कितने पदों को स्थायी किया जा सकता है, सरीखी जानकारी शामिल है।

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वित्त विभाग में संयुक्त सचिव (लेखा) एल. डी. जोशी की तरफ से जारी सर्कुलर के मुताबिक, जो अस्थायी पद कम से कम 3 सालों से हैं, उन्हें स्थायी करने पर विचार किया जाएगा। सर्कुल में कहा गया है,'सभी विभागों से गुजारिश है कि वे वित्त विभाग में इस आशय का प्रस्ताव पेश करें कि अस्थायी पदों को बनाने के लिए क्या सक्षम प्राधिकरण से मंजूरी ली गई थी और उसके बाद क्या उन्हें बहाल रखने/विस्तारित करने की जरूरत है? 2019-20 तक अस्थायी पदों को जारी रखने या विस्तारित करने के बारे में पदों के सृजन के लिए सक्षम प्राधिकरण की मंजूरी और बाद में इसे लेकर वित्त विभाग की मंजूरी का ब्योरा ऑरिजिनल फाइलों के साथ दिया जाए।'

दिल्ली सरकार के सेवा विभाग ने भी अनुबंध पर काम करने वाले कमर्चारियों के सेवा विस्तार के बारे में विभाग प्रमुखों को पत्र लिखा है। विभाग ने एक पत्र में कहा है कि लेफ्टिनेंट जनरल (एलजी) अनिल बैजल ने निर्देश दिया है कि अनुबंध पर सेवा के विस्तार के पहले, विभागों को यह भी सूचना देनी चाहिए कि क्या नियमित आधार पद पदों को भरने के लिए प्रयास किए गए थे।

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जल बोर्ड का निजीकरण कर रही आप सरकार : कांग्रेस

वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौधरी ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार पर आरोप लगाया है कि वह जल बोर्ड का निजीकरण करने जा रही है। उनका कहना है कि सरकार अक्षमताओं और प्रशासनिक असफलताओं के कारण जल बोर्ड में वन जोन वन ऑपरेटर मॉडल लागू करने का निर्णय ले रही है।शनिवार को प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में चौधरी ने कहा आम आदमी पार्टी द्वारा मुफ्त पानी देने की वोट बैंक की राजनीति का भी बहुत कम लोगों को लाभ मिल रहा है।

आम आदमी पार्टी सरकार जल बोर्ड के कामकाज में भी सुधार नहीं कर पाई। जल बोर्ड आज भी टैंकर माफिया के पूर्ण अधीन है। आलम यह है कि केजरीवाल सरकार केकार्यकाल में दिल्लीवासियों को पीने लायक पानी भी नही दिया जा रहा है। इस बात का जिक्र 16 नवंबर 2019 की सर्वेक्षण रिपोर्ट है।

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