Delhi Excise Policy: ED यह नहीं बता पा रही कि मेरे पास रिश्वत का पैसा पहुंचा, सिसोदिया की कोर्ट में दलील
दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को आबकारी नीति घोटाले के आरोपी मनीष सिसोदिया की दलीलें सुनीं। सिसोदिया दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में जुड़े ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग और सीबीआई के भ्रष्टाचार मामले में आरोपी हैं। उनके वकील मोहित माथुर ने कोर्ट में कहा कि जांच पूरी होने के 11 महीने बाद भी एजेंसी यह नहीं कह पा रही है कि कथित रिश्वत की रकम मनीष सिसौदिया तक पहुंची।
एएनआई, नई दिल्ली। दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को आबकारी नीति घोटाले के आरोपी मनीष सिसोदिया की दलीलें सुनीं। सिसोदिया दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में जुड़े ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग और सीबीआई के भ्रष्टाचार मामले में आरोपी हैं। उनके वकील मोहित माथुर ने कोर्ट में कहा कि जांच पूरी होने के 11 महीने बाद भी एजेंसी यह नहीं कह पा रही है कि कथित रिश्वत की रकम मनीष सिसोदिया तक पहुंची।
विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा ने मनीष सिसोदिया की ओर से उनके वकील की दलीलें सुनीं। सीबीआई के सरकारी वकील आज मौजूद नहीं थे, इसलिए कोर्ट ने ईडी की दलीलें सुनने के लिए मामले को 6 अप्रैल के लिए सूचीबद्ध कर दिया। आबकारी नीति से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भी ईडी गिरफ्तार कर चुकी है।
सरकारी खजाने को नहीं हुआ नुकसान
वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा कि ईडी के अनुसार, 5 प्रतिशत और 12 प्रतिशत का अंतर और थोक विक्रेताओं द्वारा कमाई 7 प्रतिशत की अतिरिक्त राशि अपराध की आय है। उन्होंने आगे कहा कि मेरा तर्क वही है, किसी ने कहीं भी यह नहीं दिखाया है कि सरकारी खजाने को नुकसान हुआ है। किसी भी निजी उपभोक्ता को कोई नुकसान नहीं हुआ है। रिपोर्ट से पता चला है कि कमाई ज्यादा हुई है। मैं 13 महीने से हिरासत में हूं। यही अवधि बाबू की जमानत भी थी।
एजेंसी को जांच पूरी कर लेनी चाहिए थी
वरिष्ठ वकील ने कहा सुप्रीम कोर्ट ने इस अदालत में जाने की मेरी (मनीष सिसोदिया) स्वतंत्रता को सुरक्षित रखा है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा पारित आदेश 6 महीने पुराना है। एजेंसी को अपनी जांच पूरी कर लेनी चाहिए थी।
वरिष्ठ वकील ने कहा कि मुकदमे में देरी के लिए मनीष सिसोदिया जिम्मेदार नहीं हैं। उन्होंने कभी भी मुझे (सिसोदिया) दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं किया है।
मोहित माथुर ने कहा कि दूसरे आरोपी बेनॉय बाबू को देरी के आधार पर जमानत मिल गई। उन्हें 13 महीने तक जेल में रहना पड़ा।