AugustaWestland case: क्रिश्चियन मिशेल की न्यायिक हिरासत 26 फरवरी तक बढ़ी
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मांग पर मिशेल की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है।
नई दिल्ली, जेएनएन। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी हेलीकॉप्टर डील के बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल का न्यायिक हिरासत 26 फरवरी तक बढ़ा दी गई है। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार को हुई सुनवाई के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ED) की मांग पर मिशेल की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी है।
शनिवार को सुनवाई के दौरान ED ने कोर्ट में कहा कि इटली की कोर्ट में मिशेल द्वारा जमा किए गए कागजात झूठे हैं, हमारे पास इसके पुख्ता सबूत भी हैं। जांच सही दिशा में है और हमने इस बात की भी जांच की है कि कैसे हवाला के पैसे को विभिन्न बैंकों में जमा किया गया।
मालूम हो कि 2012 में क्रिश्चियन मिशेल का नाम अगस्ता वेस्टलैंड के पक्ष में 3,600 करोड़ रुपये का सौदा कराने और भारतीय अधिकारियों को अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाने वाले बिचौलिए के रूप में सामने आया था। इस मामले में अन्य दो बिचौलियों के नाम राल्फ गिडो हस्के और कालरे गेरोसा हैं। काफी प्रयासों के बाद क्रिश्चियन मिशेल को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से प्रत्यर्पित करके लाया जा सका है।
अगस्ता सौदे पर सामने आया मिशेल का पत्र, मनमोहन सिंह पर था कांग्रेस का दबाव
अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआइपी हेलीकॉप्टर सौदा मामले में गिरफ्तार बिचौलिए क्रिश्चियन जेम्स मिशेल का एक सनसनीखेज पत्र सामने आया है, जो कई चीजें उजागर करता है। यह पत्र फिनमैकेनिका कंपनी के सीईओ जुगेपी ओरसी को लिखा गया था। इसके मुताबिक, उन्होंने सत्ताधारी पार्टी (कांग्रेस) के शीर्ष नेतृत्व द्वारा तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर दबाव बनवाया था। इस पत्र से यह भी पता चलता है कि मिशेल को इस सौदे से जुड़ी सभी जानकारियां संबंधित मंत्रलयों से मिल रही थीं।
28 अगस्त, 2009 को लिखे इस पत्र के मुताबिक, मिशेल को अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे से जुड़ी सभी जानकारियां प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्रालय समेत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों से मिल रही थीं। उसे तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह व तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की मुलाकात और उनके बीच हुई बातचीत के बारे में भी पता था। ओरसी को लिखे इस पत्र में मिशेल ने दावा किया था कि इस मुद्दे पर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीएस) की जो बैठक होने वाली है, उसके बारे में उसे जानकारी है। इस मसले पर प्रधानमंत्री, संयुक्त सचिव और रक्षा सचिव के बीच चल रही बातचीत के बारे में भी उसे पता था। इतना ही नहीं, उसने लिखा था कि तत्कालीन रक्षा मंत्री उनके साथ सौदा करने के पक्ष में थे।