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डीसीपीसीआर ने दिल्ली को 2023 तक बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए मांगा सहयोग

child labor डीसीपीसीआर के अध्यक्ष ने प्रमुख तौर पर जिला विकास समितियों और विधान सभा के सदस्यो से सहयोग मांगा है। डीसीपीसआर के अध्यक्ष अनुराग कुंडू के मुताबिक इस कार्य के तीन क्षेत्रों में कार्य करने की आवश्यकता है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 08:39 PM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 08:39 PM (IST)
दिल्ली को बाल श्रम मुक्त बनाने की पहल।

नई दिल्ली [रीतिका मिश्रा]। दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग (डीसीपीसीआर) ने साल 2023 तक दिल्ली को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए विभिन्न प्राधिकरणों से समर्थन और सहयोग की मांग की। इसके लिए डीसीपीसीआर के अध्यक्ष ने प्रमुख तौर पर जिला विकास समितियों और विधान सभा के सदस्यों से सहयोग मांगा है। डीसीपीसआर के अध्यक्ष अनुराग कुंडू के मुताबिक इस कार्य के तीन क्षेत्रों में कार्य करने की आवश्यकता है।

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दिल्ली को बाल श्रम मुक्त बनाने की पहल

डीसीपीसआर के अध्यक्ष अनुराग ने बताया कि दिल्ली को बाल श्रम मुक्त बनाने के लिए समय-समय पर बाल श्रमिकों के बचाव और पुर्नवास के लिए जिला टास्क फोर्स की मासिक बैठक सुनिश्चित करवाने, बाल श्रम से मुक्त कराए गए बच्चों के पुनर्वास के लिए बाल श्रम निधि के सही उपयोग को सुनिश्चित करने और बाल श्रम के खतरे के बारे में जागरुकता पैदा करने की सख्त आवश्यकता है।

आयोग ने इसके लिए विधायकों से चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 और डीसीपीसीआर के वाट्सएप नंबर 9599001855 को बाल श्रम की शिकायतें दर्ज कराने के लिए लोकप्रिय बनाने का अनुरोध किया गया है। अनुराग ने बताया कि सभी विधायक उनके संबंधित जिले के विकास समितियों के अध्यक्ष होने के नाते जिला मजिस्ट्रेट, अन्य विभागीय अधिकारियों, निवासी कल्याण संघों, बाजार मंडी, औद्योगिक संघों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ जनता से भी इस संबंध में बातचीत करेंगे। अनुराग के मुताबिक इस प्रकार से सभी विधायक सभी हितधारकों और जनता के बीच बाल श्रम के मुद्दे को उठा सकते हैं और दिल्ली से बाल श्रम के उन्मूलन में आयोग की मदद कर सकते हैं।

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