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Coronavirus Vaccine: दिल्ली के राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में बनेगा स्टोरेज केंद्र, तैयारी शुरू

केंद्र सरकार अगले साल जुलाई तक 30 करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। कोरोना के इलाज में जुटे योद्धाओं को सबसे पहले वैक्सीन का डोज दिया जाएगा। स्वास्थ्यकर्मियों के बाद सफाईकर्मी और पुलिसकर्मी प्राथमिकता में रहेंगे।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 25 Nov 2020 07:47 AM (IST)Updated: Wed, 25 Nov 2020 07:47 AM (IST)
Coronavirus Vaccine: दिल्ली के राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में बनेगा स्टोरेज केंद्र, तैयारी शुरू
जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य

नई दिल्ली [स्वदेश कुमार]। कोरोना वैक्सीन की आहट के साथ इसके स्टोरेज की तैयारियां भी नेशनल हेल्थ मिशन ने शुरू कर दी है। इसका एक केंद्र ताहिरपुर स्थित राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल भी होगा। नेशनल हेल्थ मिशन ने अस्पताल प्रशासन से स्टोरेज के लिए जगह की मांग की थी। इस पर अस्पताल प्रशासन ने तीन मंजिला भवन फिलहाल भूतल और पहली मंजिल की जगह आवंटित कर दी गई है। अस्पताल के निदेशक डॉ. बीएल शेरवाल ने बताया कि इसमें कुछ बिजली संबंधित मरम्मत कार्य कराने का अनुरोध किया गया है। इसे पूरा करने के बाद अगले हफ्ते तक यह जगह नेशनल हेल्थ मिशन को दे दी जाएगी।

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स्टोरेज केंद्र को अस्पताल से अलग रखा जाएगा। इसलिए कोविड सेंटर के पीछे एकांत में बने तीन मंजिला भवन में यह जगह मुहैया कराई गई है। इसमें भूतल पर स्टोरेज केंद्र होगा। पहली मंजिल पर इसकी देखरेख करने वाले अधिकारियों का कार्यालय बनेगा। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि स्टोरेज केंद्र बनने के बाद दूसरी मंजिल का प्रयोग भी नेशनल हेल्थ मिशन के अधिकारी कर सकते हैं। नेशनल हेल्थ मिशन से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि इस समय पांच वैक्सीन का परीक्षण अंतिम दौर में है। इसमें स्वदेश निर्मित को-वैक्सीन भी शामिल है। इसके अलावा चार वैक्सीन दूसरे देशों में तैयार किए गए हैं। इनमें ब्रिटेन और अमेरिका में तैयार हो रही वैक्सीन के दिसंबर तक बाजार में आ जाने की उम्मीद है।

ब्रिटेन की वैक्सीन की कीमत करीब दो सौ रुपये अनुमानित है। वहीं अमेरिकी वैक्सीन करीब डेढ़ हजार रुपये की सकती है। एक व्यक्ति को इसके दो डोज दिए जाएंगे। इनके अलावा रूस की स्पूतनिक-वी और माडर्ना नामक वैक्सीन के भी जल्द ही बाजार में आने की उम्मीद है। ऐसे में नेशनल हेल्थ मिशन इनके स्टोरेज की तैयारी पहले से रखना चाहता है। इसी के तहत राजीव गांधी सुपरस्पेशियलिटी अस्पताल में जगह ढूंढ़ी गई है। यहां पर बड़े-बड़े फ्रीजर लगाए जाएंगे। दरअसल अधिकतर कोरोना वैक्सीन को अन्य वैक्सीन की तरह सामान्य तापमान यानी -2 से -4 डिग्री सेल्सियस की जरूरत है। लेकिन माडर्ना वैक्सीन के लिए -70 डिग्री सेल्सियस तापमान की जरूरत है। इसलिए स्टोरेज केंद्र बनाते समय इसका भी ध्यान रखा जाएगा।

जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य

अधिकारी के मुताबिक केंद्र सरकार अगले साल जुलाई तक 30 करोड़ लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने का लक्ष्य लेकर चल रही है। कोरोना के इलाज में जुटे योद्धाओं को सबसे पहले वैक्सीन का डोज दिया जाएगा। स्वास्थ्यकर्मियों के बाद सफाईकर्मी और पुलिसकर्मी प्राथमिकता में रहेंगे। इसके बाद बुजुर्ग और फिर दूसरी गंभीर बीमारियों से पीड़ित लोगों को यह डोज दी जाएगी। जिस उम्र वर्ग पर खतरा अधिक है उनको प्राथमिकता दी जाएगी।

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