Coronavirus vaccine लगवाने के बाद भी मास्क पहनना और शारीरिक दूरी बनाए रखना है बेहद जरूरी
वैक्सीन लांच होने उसके अच्छे-बुरे साइड इफेक्ट्स सामने आने में अभी भी एक लंबा समय लगेगा। ऐसे में कम से कम तीन साल तक लोगों को मास्क पहनना और शारीरिक दूरी बनाए रखना जरूरी है। ऐसा करके ही हम कोरोना को खत्म कर पाएंगे।
डॉ शेखर मांडे। ऑक्सफोर्ड व एस्ट्राजेनेका कंपनी के साथ मिलकर सीरम इंस्टीट्यूट कोविशील्ड नामक वैक्सीन तैयार कर रही है। इसके अलावा बायोटेक द्वारा भी स्वदेशी वैक्सीन बनाई जा रही है। परीक्षण खत्म होने के बाद कंपनियों को केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के सामने रिपोर्ट पेश करनी होगी। वे रिस्क बेनिफिट का आकलन करेंगे। मॉडर्ना और फाइजर द्वारा तैयार की जा रही वैक्सीन के अधिकांश ट्रायल विदेश में ही हो रहे हैं। यदि यह वहां सफल भी रहते हैं तो भी इन्हें भारतीय मानकों पर खरे उतरते हुए सीडीएससीओ से अनुमति लेनी होगी।
बेशक देश-दुनिया की सभी वैक्सीन कंपनियों ने बड़े पैमाने पर तैयारी कर रखी है। परीक्षण खत्म होते और सीडीएससीओ की अनुमति मिलते ही वे बड़े पैमाने पर वैक्सीन तैयार कर बाजार में उतार सकेंगे। मॉडर्ना और फाइजर को भी यहां के मानकों के अनुरूप परीक्षण रिपोर्ट देनी होगी। महामारी के मद्देनजर यदि यूरोप या अमेरिका में हुए परीक्षण के आधार पर अनुमति दे भी दी जाती है तो भी सीडीएससीओ को यह देखना होगा कि भारत की आबोहवा से मिलते जुलते देशों में ट्रायल के क्या परिणाम रहे हैं।
संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन की उपयुक्त डोज के बारे में अभी तक किसी भी कंपनी ने कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी है। परीक्षण में शामिल होने व वैक्सीन का एक डोज लेने के बाद हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल बिज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद यह सवाल और मौजूं हो गया है। वैक्सीन बनने के बाद अगला चरण होगा उसे लोगों तक पहुंचाना। भारत में टीकाकरण के लिए एक पूरा चेन सिस्टम बना हुआ है। पोलियो से लेकर अन्य टीकाकरण जिस तरह देश के कोने कोने तक होते हैं, यहां भी यह अपनाया जा सकता है।
वैक्सीन की बेसब्री में हमें बेफिक्र नहीं होना है। लोग सामान्य जिंदगी में वापस लौटने की आस लगाए बैठे हैं। तीज-त्योहार, शादी-पर्व में यह नियम टूट ही जाते हैं। यह मानव स्वभाव है और लोग गलत भी नहीं है। फिर भी वर्तमान हालात हमें अभी इसकी अनुमति नहीं देते हैं। हाथ धोना, भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना जैसे कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने में कोई बुराई भी नहीं है। इससे हम कोरोना के साथ साथ अन्य बीमारियों से भी बचे रहेंगे। वैक्सीन के बाद भी मास्क ही कवच रहेगा।
[महानिदेशक, भारतीय विज्ञान और अनुसंधान परिषद (सीएसआइआर), नई दिल्ली]
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