CoronaVirus: पैनल ने 80 से 60 फीसद तक आरक्षित आइसीयू बेड घटाने का दिया है सुझाव
दिल्ली हाई कोर्ट ने राष्ट्रीय राजधानी के 33 निजी अस्पतालों में 80 फीसद आइसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने के मामले पर बृहस्पतिवार को दिल्ली सरकार को अपना निर्णय बताने का निर्देश दिया है। सरकार को अपना निर्णय बताने का निर्देश देते हुए सुनवाई बृहस्पतिवार को टाल दी।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के 33 निजी अस्पतालों के 80 फीसद आइसीयू बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित करने के मामले पर दिल्ली सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया। दिल्ली सरकार ने न्यायमूर्ति नवीन चावला की पीठ को सूचित किया कि बुधवार को हुई बैठक में विशेषज्ञों के पैनल ने आरक्षित आइसीयू बेड की संख्या 80 फीसद से घटाकर 60 फीसद करने का सुझाव दिया है।
दिल्ली सरकार ने पीठ को सूचित किया कि पैनल ने सिफारिश की है कि दिल्ली सरकार और निजी क्षेत्र के अस्पतालों में श्रेणीबद्ध तरीके से डी-एस्केलेशन किया जा सकता है, लेकिन केंद्र सरकार के अस्पतालों में ऐसा नहीं होगा। कमेटी ने कहा कि वह दोबारा से दस दिन में इसके प्रभाव का अाकलन करेगी और उसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
33 निजी अस्तपालों के 80 फीसद आइसीयू बेड आरक्षित करने के दिल्ली सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स द्वारा दायर याचिका पर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है। दिल्ली सरकार की तरफ से पेश हुए स्टैंडिंग काउंसल संजय घोष व अधिवक्ता उर्वी मोहन ने पीठ से कहा कि ऐसे में पैनल ने निजी अस्पतालों के 80 फीसद आइसीयू बेड आरक्षित करने के बजाए 60 फीसद कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित किए जा सकते हैं, जबकि 40 फीसद बेड गैर-कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध रखे जाएंगे। ऐसे में 600 आइसीयू बेड गैर कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध रहेंगे।
उन्होंने पीठ को यह भी बताया कि कोरोना मरीजों के लिए सभी निजी अस्पतालों में आरक्षित किए गए 60 फीसद बेड को घटाकर 45 फीसद कर दिया गया है। ऐसे में निजी अस्पतालों में 55 फीसद बेड गैर-कोरोना मरीजों के लिए उपलब्ध रहेंगे। इससे गैर-काेरोना मरीजों के लिए वर्तमान में उलपब्ध 6760 बेड की संख्या बढ़कर 8696 हो जाएगी। ऐसे में निजी अस्तपालों में कोरोना बेड की संख्या 9051 से घटनकर 7115 हो जाएगी। इतना ही नहीं पैनल ने फैसला किया कि दिल्ली सरकार के कोविड-19 आइसीयू बेड की स्थिति में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
कमेटी ने यह भी सिफारिश की है कि पूरी तरह से कोरोना मरीजों के लिए समर्पित अस्पतालों की स्थिति में भी अभी कोई बदलाव नहीं किया गया है। लोकनायक अस्पताल में 2010 कोविड-19 बेड की संख्या को कम करके एक हजार किया गया, जबकि गुरुतेग बहादुर अस्पताल में कोरोना के 1500 बेड की संख्या को कम करके 500 किया गया है। वहीं, राजीव गांधी सुपर स्पेशिलिटी कोरोना मरीजों के समर्पित रहेगा।
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