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Lok Sabha Election: कन्हैया कुमार और उदित नहीं, ये चेहरे थे जनता की पसंद; जानिए कांग्रेस के सर्वे में क्या आया सामने

कन्हैया कुमार और डॉ. उदित राज को प्रत्याशी बनाने का विरोध प्रदेश कांग्रेस ने ही नहीं बल्कि क्षेत्र की जनता ने भी किया था। बावजूद पार्टी आलाकमान ने स्थानीय उम्मीदवारों की अनदेखी कर इन्हीं को टिकट दे दिया। यह बात अलग है कि अब इनके नाम पर औपचारिक रूप से प्रदेश का कोई बड़ा नेता कुछ ना बोल रहा हो किंतु चुनाव में इस नाराजगी का असर पड़ना तय है।

By sanjeev Gupta Edited By: Geetarjun Published: Tue, 16 Apr 2024 12:43 AM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2024 12:43 AM (IST)
कन्हैया कुमार और उदित नहीं, ये चेहरे थे जनता की पसंद

संजीव गुप्ता, नई दिल्ली। कन्हैया कुमार और डॉ. उदित राज को प्रत्याशी बनाने का विरोध प्रदेश कांग्रेस ने ही नहीं बल्कि क्षेत्र की जनता ने भी किया था। इसके बावजूद पार्टी आलाकमान ने स्थानीय उम्मीदवारों की अनदेखी कर इन्हीं को टिकट दे दिया। यह बात अलग है कि अब इनके नाम पर औपचारिक रूप से प्रदेश का कोई बड़ा नेता कुछ ना बोल रहा हो, किंतु चुनाव में इस नाराजगी का असर पड़ना तय है।

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दरअसल, आप से गठबंधन में मिली अपने हिस्से की तीनों सीटों पर उम्मीदवार तय करने से पहले कांग्रेस ने यहां अंदरूनी सर्वे भी कराया था। राहुल गांधी की टीम द्वारा किए गए इस सर्वे में उत्तर पश्चिमी दिल्ली से पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान, उत्तर पूर्वी दिल्ली से पूर्व मंत्री एवं प्रदेश अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली व चांदनी चौक से पूर्व सांसद जयप्रकाश अग्रवाल को स्थानीय जनता का सर्वाधिक समर्थन मिला था। लेकिन टिकट तय करते हुए पार्टी आलाकमान ने इस सर्वे को भी दरकिनार कर दिया।

चांदनी चौक के अलावा किसी पर नहीं किया विचार

चांदनी चौक से तो जनभावना और प्रदेश कांग्रेस की पैरवी के अनुरूप जयप्रकाश अग्रवाल को टिकट दे दिया गया। लेकिन उत्तर पश्चिमी दिल्ली से किसी अन्य विकल्प पर विचार तक नहीं किया गया। इसी तरह उत्तर पूर्वी दिल्ली से भी स्थानीय उम्मीदवार को टिकट देने की मांग का अनदेखा कर दिया गया।

लवली ने कर दिया था इनकार

पार्टी सूत्र बताते हैं कि लवली ने उत्तर पूर्वी दिल्ली से सर्वे में पहली पसंद बनने के बावजूद इस तर्क के आधार पर चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था कि उन्हें चुनाव लड़वाने दिया जाए। पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के सुपुत्र पूर्व सांसद संदीप दीक्षित इस सीट की बजाए चांदनी चौक से चुनाव लड़ना चाह रहे थे। अन्य किसी की उम्मीदवारी को पार्टी ने बहुत गंभीरता से नहीं लिया। नतीजा, कन्हैया को ही टिकट मिल गया।

उदित राज को मिला खरगे का साथ

प्रदेश कांग्रेस हर हाल में उत्तर पश्चिमी दिल्ली से पूर्व मंत्री राजकुमार चौहान या फिर पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार पर दांव खेलना चाहती थी। लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे मानो कुछ सुनने को ही तैयार नहीं थे। हर स्तर पर विरोध को नजरअंदाज कर उन्होंने उदित राज के नाम पर अपनी मुहर लगा दी।

गलतफहमी में कटा संदीप दीक्षित का टिकट

पार्टी सूत्र बताते हैं कि संदीप दीक्षित को गलतफहमी हो गई थी कि उन्हें चांदनी चौक से टिकट मिल रहा है। जबकि सर्वे में यह सामने आ चुका था कि अब शीला दीक्षित के नाम पर वोट मिलने की संभावना नहीं है। इसी गलतफहमी के चलते उन्होंने उत्तर पूर्वी दिल्ली से भी चुनाव लड़ने से मना कर दिया।

उम्मीदवारों की घोषणा और उनके नामों को लेकर पार्टी में कोई विरोध नहीं है। पार्टी ने जो टिकट दिए हैं, सोच समझकर ही दिए होंगे। प्रदेश कांग्रेस अपने स्तर पर उम्मीदवारों के समर्थन में हर संभव प्रचार और उन्हें जिताने का प्रयास करेगी। -अरविंदर सिंह लवली, अध्यक्ष, दिल्ली कांग्रेस


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