सीएम केजरीवाल ने केंद्र से कहा- दिल्ली, हरियाणा, यूपी और पंजाब की सरकार को मिलकर प्रदूषण से लड़ना होगा
Air Pollution दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली उत्तर प्रदेश हरियाणा और पंजाब के सभी मुख्यमंत्रियों से हर महीने मीटिंग होनी चाहिए।
नई दिल्ली, राज्य ब्यूरो। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर के उस बयान से असहमति जताई है, जिसमें उन्होंने कहा है कि प्रदूषण पर नियंत्रण पाने में चार साल लग सकते हैं। केजरीवाल ने केंद्रीय मंत्री के इस बयान के बाद सोमवार को डिजिटल प्रेसवार्ता की। उन्होंने कहा, यदि सभी का साथ मिले तो प्रदूषण से जल्द ही निजात पाई जा सकती है। बस, सभी को मिलकर काम करने की जरूरत है।
केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण से निपटने के लिए राजनीतिक इच्छा शक्ति की जरूरत है। अगर सारी सरकारें और पार्टियां राजनीति छोड़कर ईमानदारी के साथ काम करें, तो प्रदूषण के खात्मे के लिए चार साल तक इंतजार करने की जरूरत नहीं है। हम चार साल से पहले ही प्रदूषण पर काबू पा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे विज्ञानियों, इंजीनियरों ने पराली का वैकल्पिक समाधान दे दिया है। अब केवल राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है। अगर सभी राज्य सरकारों के अंदर इच्छा शक्ति है तो हम पराली को एक अवसर में बदल सकते हैं।
पराली से अब गत्ता भी बनाया जा रहा
मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली का एक समाधान दिल्ली सरकार द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा रासायनिक घोल है। इस घोल को छिड़ककर पराली को खाद में बदला जाता है। दूसरा समाधान यह है कि कई फैक्ट्रियों में पराली से कंप्रेस्ड बायो गैस (सीबीजी), कोयला और कोक बनाया जा रहा है। हरियाणा के करनाल में बड़े स्तर पर पराली से सीबीजी बनाई जा रही है। यह सीएनजी की तरह इस्तेमाल की जा सकती है। आखिर हम लोग पराली से सीएनजी क्यों नहीं बनाते हैं? पराली से गत्ता भी बनता है। अब गत्ता बनाने की भी कई फैक्ट्रियां शुरू हो रही हैं।
उन्होंने कहा कि फैक्ट्री जब किसानों से पराली लेती है तो उसके बदले उनको पैसे देती है। इससे किसानों की आमदनी हो रही है। कंपनी किसानों के खेत से पराली खुद ही उठवा कर ले जाती है। इसमें किसानों का कोई खर्चा नहीं है। कंपनी जितनी भी गैस बनाती है, वह पूरी गैस दिल्ली की इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड खरीद लेती है। इससे सभी का सबका फायदा है।
केजरीवाल ने कहा कि पंजाब में भी ऐसी सात फैक्ट्रियां चल रही हैं जो पराली से कोयला या कोक बनाती हैं। किसानों को पराली के बदले प्रति हेक्टेयर 500 रुपये कंपनियां देती हैं। कंपनियां पराली से कोयला या कोक बनाती हैं। फैक्ट्रियां कोयले को एनटीपीसी (नेशनल थर्मल पावर प्लांट) को बेच रही हैं।
पराली के समाधान के लिए हर महीने करनी चाहिए बैठक
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार सभी राज्य सरकारों के पर्यावरण मंत्रियों के साथ बैठक करती रही है। यह मुद्दा केवल पर्यावरण मंत्री के स्तर पर निस्तारित नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि मेरी केंद्रीय पर्यावरण मंत्री से अपील है कि उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के साथ वह हर महीने बैठक करें। हम सभी लोगों को खुले दिल से बैठक करनी चाहिए। एक-दूसरे के ऊपर आरोप-प्रत्यारोप न लगाएं। हरियाणा के मुख्यमंत्री के पास कुछ समाधान हो सकते हैं, पंजाब के मुख्यमंत्री के पास कुछ समाधान हो सकते हैं। इसी तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और मेरे पास भी कुछ समाधान हो सकते हैं। हम सभी लोगों को मिलकर पराली के समाधान पर चर्चा करनी चाहिए।
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