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आरएसएस के पूर्व प्रचारक केएन गोविंदाचार्य की याचिका पर केंद सरकार ने दी जानकारी

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व प्रचारक केएन गोविंदाचार्य की याचिका पर केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि फेसबुक ट्विटर एवं गूगल जैसे मीडिया प्लेटफार्म पर फर्जी खबरों के खतरों से वह अवगत है।

By Prateek KumarEdited By: Published: Thu, 08 Oct 2020 07:10 PM (IST)Updated: Thu, 08 Oct 2020 07:10 PM (IST)
आरएसएस के पूर्व प्रचारक केएन गोविंदाचार्य की याचिका पर केंद सरकार ने दी जानकारी
कोर्ट में उठा फर्जी खबरों और तथ्‍यों से हेरफेर का मामला।

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के पूर्व प्रचारक केएन गोविंदाचार्य की याचिका पर केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में जवाब दाखिल किया है। केंद्र सरकार ने हाई कोर्ट को सूचित किया कि फेसबुक, ट्विटर एवं गूगल जैसे मीडिया प्लेटफार्म पर फर्जी खबरों के खतरों से वह अवगत है। इससे निपटने के लिए मध्यस्थ दिशानिर्देश के तहत नियम बनाए गए हैं, जोकि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को विनियमित करते हैं।

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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने दी जानकारी

इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने हाई कोर्ट को बताया कि ऐसे प्लेटफार्म पर किसी भी गैरकानूनी सामग्री को अदालत के आदेश, एक सरकारी अधिसूचना या नीतियों व उपयोग की शर्तों के उल्लंघन के लिए वेबसाइटों की स्वयं शिकायत पर हटाया जा सकता है।

एक महीने मेंं होगा निवारण

मंत्रालय ने कहा है कि मध्यस्थ दिशानिर्देशों के अनुसार वेबसाइट के अधिकारी शिकायत प्राप्त करने के एक महीने के भीतर इसका निवारण करने के लिए बाध्य होंगे। मंत्रालय ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत किसी भी साइबर सुरक्षा घटनाओं या उल्लंघनों का जवाब देने के लिए एक वैधानिक प्राधिकरण  की स्थापना की गई है। किसी भी सामग्री या वेबसाइट पर कार्रवाई के लिए प्रत्येक राज्य और सरकारी विभाग में इसके लिए नियुक्त-नामित नोडल अधिकारियों से संपर्क करना होगा।

फर्जी खबर और अनैतिक तथ्य युवाओं की जिंंदगी बर्बाद कर रहे

गोविंदाचार्य ने पहले अदालत को बताया था कि ब्वायज लॉकर रूम जैसे समूहों से फेसबुक के फर्जी समाचार, अभद्र भाषा और गैरकानूनी आपराधिक सामग्री से निपटने में विफलता को इंगित करते हैं। उन्होंने ब्वायज लॉकर रूम जैसे ग्रुप को फेसबुक एवं इंस्टाग्राम जैसे मीडिया प्लेटफार्म से हटाना सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि नकारात्मकता, फर्जी खबर और अनैतिक तथ्य युवाओं की जिंंदगी बर्बाद कर रहे हैं। ऐसे समूहों को मुक्त या सृजनात्मक तरीके से अपनी बात कहने के नाम पर कोई संरक्षण नहीं मिलना चाहिए।

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