CAB Delhi Protest: न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी के निवासी सुरक्षा को लेकर चिंतित, पुलिस से की शिकायत
CAB Delhi protest RWA ने पुलिस को शिकायत देकर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और हिंसा करने वाले उपद्रवियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
नई दिल्ली, जेएनएन। नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर दिल्ली में पिछले कुछ दिनों से चल रहे विरोध-प्रदर्शन और हिंसा ने राजधानी में रह रहे आम लोगों की चिंता बढ़ा दी है। आलम ये है कि दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में उपद्रवियों के झुंड से डरकर लोग घरों में कैद होने को मजबूर हो गए हैं। दिल्ली के पॉश इलाके न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी (NFC) की रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) ने सुरक्षा को लेकर चिंता व्यक्त की है।
न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी आरडब्ल्यूए ने मामले में दिल्ली पुलिस को शिकायत देकर राजधानी की सड़कों पर हिंसा करने वालों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष बीएम बक्शी ने 16 दिसंबर 2019 को दक्षिणी-पूर्वी जिले के डीसीपी को ज्ञापन देकर कॉलोनी की सुरक्षा पुख्ता करने की भी मांग की है। ज्ञापन में उन्होंने लिखा है कि जामिया के आंदोलनकारी छात्रों के साथ स्थानीय असामाजिक तत्व न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी के आवासीय क्षेत्र में घुसकर शांति व्यवस्था को भंग कर रहे हैं। इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
आरडब्ल्यूए अध्यक्ष के मुताबिक उपद्रवियों ने सार्वजनिक संपत्ति के साथ-साथ कॉलोनी में निजी संपत्तियों को भी नुकसान पहुंचाया है। हिंसा और तोड़फोड़ की वजह से कॉलोनी के लोग सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं और खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
मालूम हो कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन चल रहा है। इस दौरान कई जगहों से हिंसा की खबरें भी सामने आयी हैं। रविवार को हिंसा की ये आग राजधानी दिल्ली की सड़कों पर भी फैल गई। रविवार को दिल्ली के जामिया नगर इलाके से शुरु हुए विरोध प्रदर्शन ने देखते ही देखते हिंसा का रूप अख्तियार कर लिया। इसके बाद भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने दिल्ली की सड़कों पर जमकर तोड़फोड़ की।
100 से ज्यादा निजी वाहनों में की तोड़फोड़
जामिया नगर इलाके में रविवार को हुई हिंसा के दौरान उपद्रवी न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी के आवासीय इलाके में भी घुस गए थे। उपद्रवियों ने यहां डीटीसी की चार बसों में तोड़ोफोड़ कर उन्हें आग के हवाले कर दिया था। इसके अलावा एक कार और 4-5 बाइकों में भी आग लगा दी थी। न्यू फ्रैंड्स कॉलोनी में ही उपद्रवियों ने 15 अन्य बसों में भी तोड़फोड़ की थी। इतना ही नहीं, अराजक तत्वों ने कॉलोनी में घरों के बाहर खड़ी 100 से ज्यादा गाड़ियों में भी तोड़फोड़ की थी। भारी हंगामे के बीच लोग कई घंटे तक घरों में कैद रहने को मजबूर हो गए थे।
कई घंटे ठप रखा यातायात
रविवार को उपद्रवियों ने आसपास की सड़कों पर जगह-जगह टायर जलाकर यातायात ठप कर दिया था। पुलिस ने हिंसा रोकने का प्रयास किया तो भीड़ ने उस पर भी हमला कर दिया। पथराव और हिंसा में की पुलिसकर्मी भी घायल हुए थे। मामले में पुलिस ने हिंसा करने वालों और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज की है। पुलिस हुड़दंगियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी के भी प्रयास कर रही है।
कानून को लेकर सरकार लगातार कर रही जागरूक
नागरिकता संशोधन कानून संसद से पास होने से पहले ही तमाम विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं। संसद में कानून पास होने से पहले से ही पूर्वोत्तर में शांति पूर्ण धरने प्रदर्शन चल रहे थे। हांलाकि, विपक्षी दल कानून को संसद में पास कराने से रोक नहीं सके। इसके बाद कानून को लेकर चल रहे शांतिपूर्ण धरने-प्रदर्शन ने कुछ लोगों के भड़काने पर उग्र रूप ले लिया। पूर्वोत्तर से शुरू हुई हिंसा ने कई और राज्यों को भी चपेट में ले लिया है।
वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह समेत केंद्र सरकार के तमाम मंत्री लगातार लोगों से शांति बनाए रखने की अपील कर रहे हैं। साथ ही वह लोगों को कानून के बारे में जागरूक भी कर रहे हैं कि इससे देश के किसी भी नागरिक को डरने की जरूरत नहीं है। ये कानून शरणार्थियों को नागरिकता देने का है। इसमें नागरिकता छीनने का कोई प्रावधान नहीं है। बावजूद राजनीतिक दल सड़कों पर उतरकर इसका विरोध कर रहे हैं। उनके बहकावे में आकर आम लोग भी सड़कों पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इन सबका फायदा उठाकर अराजक तत्वों को भीड़ में शामिल होकर हिंसा फैलाने का मौका मिल रहा है।
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