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अगले सप्ताह तक खत्म हो जाएगा किसानों का आंदोलन, बनाई गई रणनीति, प्यार से वापस लौट चले जाएं नहीं तो....

बड़े शहरों में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। प्रदेशों में धारा 144 लगा दी गई है। लोग एक जगह पर जमा न हो जिससे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके धरना देकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर इसका असर नहीं दिख रहा है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 01:47 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 01:47 PM (IST)
अगले सप्ताह तक खत्म हो जाएगा किसानों का आंदोलन, बनाई गई रणनीति, प्यार से वापस लौट चले जाएं नहीं तो....
किसानों की मांग और सरकार में कोई सर्वमान्य हल नहीं निकल सका है।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। देश के तमाम बड़े शहरों में कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। प्रदेशों में धारा 144 लगा दी गई है। लोग एक जगह पर जमा न हो जिससे कोरोना संक्रमण को फैलने से रोका जा सके मगर दिल्ली की सीमाओं पर धरना देकर प्रदर्शन कर रहे किसानों पर इसका असर नहीं दिख रहा है। ऐसे में अब सरकार ने यहां से इनको हटाने के लिए रणनीति बना ली है। कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से कई दौर की बातचीत के बाद भी किसानों की मांग और सरकार में कोई सर्वमान्य हल नहीं निकल सका है।
किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं जबकि सरकार बनाए गए कानूनों को उनके हित का मानती है। बीते 3 माह से अधिक समय से किसानों ने टीकरी बॉर्डर, सिंघु बॉर्डर और यूपी गेट को घेर रखा है। वो यहां पर एक लेन पर टेंट लगाकर धरना दे रहे हैं। सबसे अधिक समस्या टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर है। किसानों के धरना प्रदर्शन की वजह से यहां रोजाना 50 हजार से अधिक लोग प्रभावित हो रहे हैं। अब तो इस इलाके के आसपास रहने वाले भी खासे परेशान है।

एक दो बार तो स्थानीय लोग भी इस धरना प्रदर्शन के खिलाफ सड़क पर उतरकर प्रदर्शन कर चुके हैं मगर कोई हल नहीं निकला। जब से आंदोलन शुरू हुआ है उसके बाद से यहां बने पेट्रोल पंप, छोटी दुकानें, ढाबे जैसी 400 से अधिक दुकानें बंद हो चुकी हैं, लोग अपना कारोबार समेटकर दूसरी जगह शिफ्ट हो चुके हैं। पेट्रोल पंपों पर तेल की बिक्री बंद हो चुकी है।

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अब सरकार ने रणनीति तैयार की है कि कम से कम दो बार इन किसानों को समझा-बुझाकर आंदोलन स्थल से स्वयं ही हट जाने के लिए मनाया जाएगा। पहले चरण में बार्डर के साथ लगते जिलों के उपायुक्त इन किसानों से बात करेंगे। फिर सरकार स्वयं अपने प्रतिनिधियों के जरिये बातचीत करेगी। दो बार बातचीत करने के बाद यदि नहीं माने तो इन किसानों को पुलिस व अर्धसैनिक बलों के बूते हटा दिया जाएगा।

देश भर में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर तेजी के साथ फैल रही है। केंद्र व राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि पिछले साढ़े तीन माह से धरने पर बैठे यह आंदोलनकारी कोरोना संक्रमण का शिकार न हो जाएं। यदि वे संक्रमित होते हैं तो दूसरे लोगों में भी संक्रमण तेजी के साथ फैलने का खतरा बना रहेगा। इसलिए सरकार चाहती है कि इन किसानों को प्यार से समझाकर आंदोलन स्थल से उठाया जाए। यदि वे बाद में आंदोलन करना चाहें तो उन्हें कोई एक जगह प्रदान की जा सकती है।

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सिंघु और टीकरी बार्डर पर बैठे इन किसानों को आंदोलन खत्म करने के लिए सरकार पहले प्यार से समझाएगी। यदि यह किसान अपनी जिद पर अड़े रहे और आंदोलन स्थल से नहीं हटे तो उन्हें अर्धसैनिक बलों व पुलिस की मदद से हटाया जाएगा। गृह मंत्रालय ने इन किसानों को धरने से हटाने की रूपरेखा तैयार कर ली है। इसके लिए हरियाणा सरकार को अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है।
इन आंदोलनकारियों को धरना स्थलों से हटाने के लिए सरकार ने आपरेशन की रूपरेखा तैयार कर ली है। गृह मंत्रालय की ओर से टिकरी व सिंघु बार्डर का हवाई सर्वेक्षण भी कराया जा चुका है। सीआइडी व अन्य गुप्तचर एजेंसियों ने भी इन किसानों की संख्या के बारे में सरकार को अपनी रिपोर्ट दे दी है। इन सबको शामिल करके रणनीति तैयार कर ली गई है, अब अगले चरण में प्यार से हटने के लिए कहा जाएगा उसके बाद बल प्रयोग करके स्थल खाली करवाया जाएगा। क्योंकि सरकार के पास अब इसके अलावा कोई चारा नहीं बच रहा है। इस तरह की सूचना मिलने के बाद किसान नेताओं के चेहरे के रंग उड़े हुए हैं।



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