Delhi Education Model: दिल्ली के शिक्षा मॉडल पर भाजपा ने दी AAP सरकार को बहस की चुनौती
Delhi Education Model हरीश खुराना ने कहा कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बहस की चुनौती दे रहे हैं लेकिन दिल्ली में भाजपा से बहस नहीं कर रहे। उन्हें मालूम है कि भाजपा नेताओं से बहस करने से सच्चाई सामने आ जाएगी।
नई दिल्ली [वीके शुक्ला]। भारतीय जनता पार्टी ने राजधानी दिल्ली के शिक्षा मॉडल पर सरकार को बहस की चुनौती दी है। भाजपा का कहना है कि सरकारी स्कूलों में छात्रों को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। दिल्ली के शिक्षा मॉडल को लेकर प्रदेश प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिर रहा है। छात्रों की संख्या कम हो रही है। वह प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) के नेता दूसरे राज्यों में दिल्ली के शिक्षा मॉडल का प्रचार कर राजनीतिक विस्तार की कोशिश कर रहे हैं। हरीश खुराना ने कहा कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्रियों को बहस की चुनौती दे रहे हैं, लेकिन दिल्ली में भाजपा से बहस नहीं कर रहे। उन्हें मालूम है कि भाजपा नेताओं से बहस करने से सच्चाई सामने आ जाएगी।
उन्होंने बताया कि पिछले छह साल में दिल्ली में सिर्फ पांच स्कूल बनाए गए हैं और शिक्षकों के 9,024 पद खाली हैं। उन्होंने कहा कि जब आप की सरकार बनी थी उस वर्ष दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम 98.81 फीसद था। इस बार परीक्षा परिणाम मात्र 82.61 फीसद रहा है। शिक्षा पर ज्यादा बजट रखने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि इसमें से भारी भरकम राशि खर्च नहीं हो रही है। वर्ष 2018-19 में 4,896 करोड़ रुपये और वर्ष 2019-20 में 2,839 करोड़ रुपये बजट का उपयोग नहीं हुआ।
दिल्ली प्रदेश प्रवक्ता पूजा सूरी ने कहा कि वर्ष 2014-15 में सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या 17.05 लाख थी और वर्ष 2019-20 में यह घटकर 16.50 लाख रह गई है। इस मौके पर दिल्ली प्रदेश मीडिया सह-प्रमुख हरिहर रघुवंशी, प्रदेश प्रवक्ता आदित्य झा उपस्थित थे।
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