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Bird Flu 2021: चिड़ियाघर में कभी भी आ सकते हैं विदेशी पक्षी, प्रशासन सतर्क

चिड़ियाघर में इन दिनों बर्ड फ्लू को लेकर दोगुनी सतर्कता बरती जा रही है। साथ ही चिड़ियाघर के बाड़ों के अंदर मौजूद पक्षियों की विशेष निगरानी इन दिनों की जा रही है। वहीं चिड़ियाघर के खुले क्षेत्र में आने वाले बाहरी पक्षियों की भी निगरानी की जा रही है।

By Vinay Kumar TiwariEdited By: Published: Sun, 10 Jan 2021 03:27 PM (IST)Updated: Sun, 10 Jan 2021 03:27 PM (IST)
Bird Flu 2021: चिड़ियाघर में कभी भी आ सकते हैं विदेशी पक्षी, प्रशासन सतर्क
चिड़ियाघर में किया जा रहा है कीटनाशक दवाओं का छिड़काव- दिल्ली के कई इलाकों तक पहुंच चुके हैं पक्षी

जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। चिड़ियाघर में इन दिनों बर्ड फ्लू को लेकर दोगुनी सतर्कता बरती जा रही है। साथ ही चिड़ियाघर के बाड़ों के अंदर मौजूद पक्षियों की विशेष निगरानी इन दिनों की जा रही है। वहीं, चिड़ियाघर के खुले क्षेत्र में आने वाले बाहरी पक्षियों की भी निगरानी की जा रही है। चिड़ियाघर में दिल्ली के अन्य इलाकों से कभी भी विदेशी पक्षी पहुंच सकते हैं, जिसको लेकर सतर्कता बरती जा रही है। बाहर से आने वाले पक्षियों से फ्लू फैलने का खतरा है।

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चिड़ियाघरके निदेशक रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि चिड़ियाघर में इन दिनों एक भी विदेशी पक्षी नहीं पहुंचा है, लेकिन देश के अन्य इलाकों से उड़कर आने वाले पक्षी अब आ चुके हैं। इनमें असम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से आने वाले पक्षी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि बताया कि ओखला और यमुना के किनारे कई जगहों पर विदेशी पक्षी भी आ चुके हैं, जिनमें से हर साल कुछ पक्षी चिडि़याघर के तालाब के किनारे बने पेड़ों पर आकर बैठते हैं।

हालांकि अब तक कोई भी दूसरे देश से आने वाला पक्षी नजर नहीं आया है, लेकिन इसके बावजूद सतर्कता बरती जा रही है। शनिवार को चिड़ियाघर के सभी बाड़ों के बाहर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया गया। खासतौर से पक्षियों के बाड़े के बाहर दो से तीन बार सैनिटाइजेशन का काम किया जा रहा है। उधर, रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि चिड़ियाघर में सीसीटीवी फुटेज की जांच भी गई। पिछले दिनों कैमरे लगाए गए थे, जिसका काम अब पूरा हो चुका है। अधिकारियों ने खुद मौजूद होकर सभी कैमरों की फुटेज का निरीक्षण किया। 

उधर पूर्वी दिल्ली के संजय झील इलाके में मौजूद बत्तख और कौवों के आए दिन मरने की सूचनाएं आ रही हैं। अब तक 50 से अधिक कौवे मर चुके हैं। इसी तरह से यहां मौजूद बत्तखों के मरने का आंकड़ा भी दिनोंदिन बढ़ता जा रहा है। प्रशासन इसको लेकर गंभीर बना हुआ है। 

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