Move to Jagran APP

5G networks: एक्ट्रेस जूही चावला पर लगा 20 लाख रुपये का जुर्माना, क्या दूसरों को मिलेगा सबक

5G networks न्यायमूर्ति जेआर मिधा की पीठ ने कहा कि कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के साथ ही अदालत का समय भी बर्बाद किया गया है। याचिका दोषपूर्ण है और पब्लिसिटी हासिल करने के लिए दायर की गई है।

By Jp YadavEdited By: Published: Sat, 05 Jun 2021 09:23 AM (IST)Updated: Sat, 05 Jun 2021 09:23 AM (IST)
5G networks: एक्ट्रेस जूही चावला पर लगा 20 लाख रुपये का जुर्माना, क्या दूसरों को मिलेगा सबक

नई दिल्ली [जूही चावला]। देश में 5जी नेटवर्क स्थापित करने के खिलाफ अभिनेत्री जूही की याचिका को दिल्ली हाई कोर्ट ने 20 लाख रुपये का भारी जुर्माना लगाते हुए खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति जेआर मिधा की पीठ ने कहा कि कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के साथ ही अदालत का समय भी बर्बाद किया गया है। याचिका दोषपूर्ण है और पब्लिसिटी हासिल करने के लिए दायर की गई है। इसका पता इसी से चलता है कि चावला ने अदालत की वीडियो कांफ्रेंसिंग का लिंक अपने इंटरनेट मीडिया अकाउंट से साझा किया, जिसकी वजह से किसी अज्ञात व्यक्ति ने सुनवाई को बाधित किया। कहा जा रहा है कि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा जूही चावला पर भारी जुर्माने के बाद और लोगों को भी सबक मिलेगा जो बेवजह चर्चा में आने के लिए पीआइएल कोर्ट में देते हैं।

loksabha election banner

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान दिल्ली हाई कोर्ट की पीठ ने कहा कि याचिका का कोई आधार नहीं है और इस दौरान याचिका में उठाए गए मुद्दे की जानकारी पर भी सवाल उठाया। अदालत ने चावला को बकाया कोर्ट फीस भी जमा करने का भी निर्देश दिया। फैसला सुनाए जाने के बाद चावला के अधिवक्ता दीपक खोसला ने फैसले पर रोक लगाने की मांग करते हुए कहा कि जुर्माना बिना किसी कानूनी आधार के लगाया गया है। हालांकि, पीठ ने अनुरोध को ठुकरा दिया।

दो जून को सुनवाई को जूही चावला की तरफ से दीपक खोसला ने दलील दी थी कि 5जी नेटवर्क से निकलने वाले विकिरण के कारण नागरिकों, जानवरों, वनस्पतियों और जीवों पर बुरा असर पड़ेगा। इसके संबंध में दूरसंचार विभाग की तरफ से सालिसिटर जनरल तुषार मेहता व अमित महाजन ने कहा था कि यह मुकदमा कल्पना पर आधारित है और वादी यह साबित नहीं कर सकते की तकनीक में कुछ गलत है।

वहीं, विभिन्न निजी दूरसंचार कंपनियों की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा था कि 5जी प्रौद्योगिकी की शुरुआत सरकार की नीतियों के मुताबिक की जा रही है, लिहाजा इसकी स्थापना में कुछ भी गलत नहीं है। सभी पक्षों को सुनने के बाद पीठ ने सरकार के समक्ष मामला उठाने के बजाय सीधे अदालत आने पर सवाल उठाया था। पीठ ने कहा था सरकार द्वारा न सुने जाने के बाद अदालत आना चाहिए था। दो जून को अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।

सुनवाई बाधित करने वाले की पहचान करे

पुलिस पीठ ने इस दौरान अवमानना नोटिस जारी करते हुए दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि दो जून को सुनवाई बाधित करने वाले की पहचान करें, ताकि उसके व्यवहार के लिए अवमानना नोटिस दिया जा सके। दो जून को वर्चुअल सुनवाई में शामिल होकर एक व्यक्ति ने जूही के गाने गाए थे। अदालत के निर्देश पर से सुनवाई से बाहर किया गया तो वह बार-बार नाम बदलकर सुनवाई में शामिल होता रहा था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.