50 मेहमानों में बैंडबाजे को भी ना, बैंडबाजों की बुकिंग हो रही है निरस्त, हलवाई भी चिंतित
200 से 300 लोगों के लिए व्यंजन मिठाईयों और चाट-पकौड़ी का आर्डर था जो अब 75 किया जा रहा है। जिस प्रकार से दिल्ली सरकार ने बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के मद्देनजर मेहमानों की संख्या पर कैंची चलाई है उससे सारा समीकरण गड़बड़ा गया है।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। कोरोना के चलते शादियों में अधिकतम 50 मेहमानों की मौजूदगी की बाध्यता है तो आयोजक बैंड बाजे से भी दूरी बनाने लगे हैं। जोर सादे समारोह में शादियों का होने लगा है। इसके चलते बैंड बाजे वाले हैरान परेशान है तो हलवाईयों के माथे पर चिंता की शिकन है। क्योंकि उनको मिले आर्डर में भी कटौती हो रही है।
200 से 300 लोगों के लिए व्यंजन, मिठाईयों और चाट-पकौड़ी का आर्डर था, जिसे अब घटाकर मुश्किल से 75 किया जा रहा है। बीच शादी की तैयारियों के जिस प्रकार से दिल्ली सरकार ने बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के मद्देनजर मेहमानों की संख्या पर कैंची चलाई है, उससे शादी की तैयारियों का सारा समीकरण गड़बड़ा गया है। अब नए सिरे से तैयारियों के साथ मेहमान की सूची तैयार की जा रही है। माथापच्ची सामाजिकता व रिश्तेदारी निभाते हुए किसे बुलाए और किसे न बुलाएं पर है। ऐसे में जिन्हें दावत दी जा चुकी है, उन्हें सादरपूर्वक दावत मेें नहीं आने का संदेश दिया जा रहा है।
ऑल दिल्ली साउंड्स एंड लाइट एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेंद्र बब्बर के मुताबिक उनके पास अब तक 17 से अधिक शादियों की बुकिंग थी, जो कुछ दिनों में ही घटकर अब मात्र 10 रह गई हैं। शादी के आयोजक अब डीजे की व्यवस्था में कटौती करने लगे हैं। वे कहने लगे हैं कि जब लोग ही नहीं रहेंगे तो शादी में नाचेगा कौन। इस बीच, डीजे वाले अपनी दर को भी घटाना शुरू कर दिया है। 5000 रुपये से लेकर एक लाख रुपये तक की डीजे बुकिंग होती है, जिसमें 25 फीसद तक की कटौती कर दी जा रही है।
वीरेंद्र बब्बर कहते हैं कि यहीं नहीं दिल्ली पुलिस भी इस बार डीजे के आयोजन की मनाही कर रही है। आयोजन स्थल पर डीजे नहीं लगाने दिया जा रहा है। यह किस आदेश के तहत हो रहा है, यह कोई बताने को तैयार नहीं है। इसलिए इसपर स्पष्टीकरण की मांग को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, दिल्ली के उपराज्यपाल से लेकर मुख्यमंत्री तक को पत्र लिखा है।
पुरानी दिल्ली के नई सड़क स्थित हरीचंद सुमेरचंद चाट वाले के संचालक प्रवीण कश्यप के मुताबिक उनके पास 10 शादियों में व्यंजनों व चाट-पकौड़ी का आर्डर है। अधिकतर में 200 से अधिक लोगों का आर्डर था। वह कहते हैं कि अब शादियों के आयोजक उनसे कम लोगों का खाना तैयार करने पर विमर्श कर रहे हैं। वे चिंतित है कि कैसे सभी लोगों को बुलाएं।
देवउठनी व कार्तिक पुर्णिमा पर सबसे अधिक शादियां
देवउठनी व कार्तिक पूर्णिमा पर दिल्ली-एनसीआर में सबसे अधिक शादियां है। माना जा रहा है कि अकेले इन दो दिनों में 50 हजार से अधिक शादियां होगी। देवउठनी एकादशी 25 नवंबर तो कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर को पड़ रहा है। इस दिन के सारे बैंक्वेट हाल, सामुदायिक भवन व सार्वजनिक स्थान बुक हो चुके हैं। हालांकि, इन शादियों में में ज्यादा भीड़ भाड़ नहीं रहेगी। क्योंकि शादी में 50 लोगों तक की मौजूदगी की बाध्यता है।
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