Lovely Resignation: दिल्ली में लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की बढ़ेंगी परेशानियां, पार्टी की कलह से प्रचार अभियान पर भी पड़ेगा असर
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) के इस्तीफे से लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान को भी झटका लगना तय है। पार्टी सूत्रों की मानें तो नए अध्यक्ष को लेकर अभी एक राय नहीं बन सकी है। पहली बार दिल्ली में गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही कांग्रेस में प्रत्याशियों की घोषणा के बाद से ही कलह सामने आ रही है।
राज्य ब्यूरो, नई दिल्ली। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली (Arvinder Singh Lovely) के इस्तीफे से लोकसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार अभियान को भी झटका लगना तय है। पार्टी सूत्रों की मानें तो नए अध्यक्ष को लेकर अभी एक राय नहीं बन सकी है।
पहली बार दिल्ली में गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही कांग्रेस में प्रत्याशियों की घोषणा के बाद से ही कलह सामने आ रही है। पिछले सोमवार को दिल्ली कार्यालय में तीनों प्रत्याशियों को मीडिया के समक्ष प्रस्तुत करने को लेकर आयोजित प्रेस वार्ता में भी नाराज कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की थी।
पार्टी के लिए हैं चुनौतियां
साथ ही चार दिन पहले उत्तर पश्चिमी सीट से उदित राज को प्रत्याशी बनाए जाने से नाराज वरिष्ठ नेता राज कुमार चौहान ने इस्तीफा दे दिया था। अभी इन सब चुनौतियों का सामना पार्टी कर ही रही थी कि अब दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष लवली ने ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पार्टी के लिए कार्यकर्ताओं को एकजुट रखना अब बेहद चुनौतीपूर्ण है।
दीपक बाबरिया के खिलाफ हुई नारेबाजी
लवली के कालिंदी कालोनी स्थित आवास के बाहर जुटे लोगों ने दीपक बाबरिया के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पार्टी से उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिमी सीट पर प्रत्याशियों को बदलने की भी मांग की।
गठबंधन की बैठकों में शामिल रहे लवली: बाबरिया
पार्टी के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन में दिल्ली कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं को पूरी तरह से भरोसे में लिया गया था। खुद लवली इस संबंध में गठित समितियों और पैनल में शामिल थे। अगर उन्हें कोई आपत्ति थी तो वे वहीं पर उसे उठाते। उन्होंने इसे पार्टी से दूर जाने के लिए बहाने के तौर पर इस्तेमाल करने की बात कही। बाबरिया ने भाजपा की ओर से लवली पर किसी तरह के दबाव के भी संकेत दिए, हालांकि उनका खुलासा नहीं किया।
अब कांग्रेस के पास क्या है विकल्प
पार्टी सूत्रों की मानें तो चुनाव के लिए किसी को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया जा सकता है। जबकि, पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाए जाने की भी संभावना है। हालांकि, उसका फैसला पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को करना होगा।