शरद यादव की RS सदस्यता रद करने पर केजरीवाल का ट्वीट- बताया असंवैधानिक
शरद यादव और अली अनवर ने पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन कर विपक्षी दलों की पटना रैली में भाग लिया था।
नई दिल्ली (आइएएनएस)। जनता दल (जदयू) के बागी नेता शरद यादव और अली अनवर को उच्च सदन (राज्यसभा) से अयोग्य करार दिए जाने के बाद इस पर राजनीति शुरू हो गई। दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार के मुखिया अरविंद केजरीवाल ने शरद यादव की राज्यसभा सदस्यता खारिज किए जाने को असंवैधानिक बताया है। उन्होंने कहा कि सदस्यता को खारिज करना अवैध है और इस फैसले को वापस लिया जाना चाहिए।
Disqualification of Sharad Yadav ji is completely illegal and unconstitutional. It is political vendetta. We strongly condemn it and demand that disqualification be revoked
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि शरद यादव की सदस्यता खारिज करना पूरी तरह अवैध और असंवैधानिक है। उन्होंने इसे राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई बताया है और कहा कि हम इसकी निंदा करते हैं।
बता दें कि उपराष्ट्रपति और राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू ने जदयू के बागी नेता शरद यादव और अली अनवर को उच्च सदन से अयोग्य करार दिया है। दो दिन पहले सोमवार को वेंकैया नायडू ने इन दोनों नेताओं की सदस्यता तत्काल प्रभाव से खत्म कर दिया। तमाम कोशिशों के बावजूद शरद यादव और अली अनवर अपनी सदस्यता बचाने में नाकाम रहे।
अब उनको दो-तीन महीने में सांसद का आवास भी खाली करना पड़ जाएगा। राज्यसभा के सभापति जदयू की इस दलील से सहमत नजर आए कि पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन कर और विपक्षी पार्टियों की गतिविधियों में शामिल होकर इन दोनों नेताओं ने स्वत: अपनी सदस्यता का परित्याग कर दिया है।
शरद यादव और अली अनवर ने पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन कर विपक्षी दलों की पटना रैली में भाग लिया था। इसके आधार पर जदयू ने राज्यसभा से उनकी सदस्यता खत्म करने की मांग की थी। शरद यादव पिछले साल ही राज्यसभा के लिए चुने गए थे और उनका कार्यकाल 2022 तक था।
अली अनवर का कार्यकाल अगले साल के शुरू में खत्म हो रहा था। दोनों सांसद बिहार के मुख्यमंत्री और पार्टी अध्यक्ष नीतीश कुमार द्वारा भाजपा से हाथ मिलाने का विरोध कर रहे थे।
इसके खिलाफ उन्होंने विरोधी दलों से हाथ मिला लिया था। इससे पहले नायडू ने शरद यादव और अली अनवर को उनकी राज्यसभा सदस्यता रद करने के मामले में 30 अक्टूबर को पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था।