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Delhi Air Pollution: 2 दिन की राहत के बाद आज से बिगड़ेंगे हालात, शनिवार को 400 के पार जा सकता है AQI

Delhi Air Pollution शुक्रवार सुबह दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में धुंध देखने को मिली। वहीं विशेषज्ञों के मुताबिक हवा की दिशा उत्तर और पश्चिमी होने से शुक्रवार को इसमें दोबारा वृद्धि होने लगेगी शाम तक हालात और खराब होंगे।

By JP YadavEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 07:41 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 08:48 AM (IST)
Delhi Air Pollution: 2 दिन की राहत के बाद आज से बिगड़ेंगे हालात, शनिवार को 400 के पार जा सकता है AQI
दीवाली पर दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में उच्च स्तर पर होगा।

नई दिल्ली, जागरण न्यूज नेटवर्क। Delhi Air Pollution:  पिछले 2 दिनों के दौरान दिल्ली-एनसीआर के लोगों को वायु प्रदूषण से हल्की राहत मिली थी, लेकिन शुक्रवार से फिर हालात खराब होने लगेंगे और शनिवार को वायु गुणवत्ता स्तर 400 के पार जा सकता है। इस बीच शुक्रवार सुबह दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में धुंध देखने को मिली। बृहस्पतिवार को राजधानी दिल्ली के वायु प्रदूषण में पराली के धुएं की हिस्सेदारी महज 2 फीसद ही रही। वहीं विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी होने से शुक्रवार को इसमें दोबारा वृद्धि होने लगेगी, शाम तक हालात और खराब होंगे। इससे पहले बृहस्पतिवार को पूर्व की दिशा में हवा होने से पराली का धुआं कम रहा, जिससे वायु प्रदूषण के स्तर में और अधिक सुधार देखने को मिला। दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के शहरों में भी वायु प्रदूषण का स्तर 300 से अधिक ही रहा, लेकिन इसे गंभीर श्रेणी में माना जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों में किसानों द्वारा पराली जलाने के चलते शनिवार को एयर इंडेक्स 400 का आंकड़ा पार कर वापस गंभीर श्रेणी में आ सकता है। फिर दीपावली त्योहार पर पटाखे फोड़े गए तो हालात और बदतर हो जाएंगे।

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दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर

  • दिल्ली - 314
  • फरीदाबाद- 304
  • गाजियाबाद - 328
  • ग्रेटर नोएडा- 327
  • नोएडा - 305
  • गुरुग्राम - 293

पटाखे नहीं जले तो इस बार दीवाली पर पीएम 2.5 होगा चार साल में सबसे कम

सफर इंडिया के मुताबिक दीवाली पर दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब श्रेणी में उच्च स्तर पर होगा, लेकिन अगर इस बार पटाखे नहीं जले तो प्रमुख प्रदूषक तत्व पीएम 2.5 का स्तर पिछले चार सालों में सबसे कम हो सकता है। मालूम हो कि मनुष्य के बाल के व्यास के महज तीन फीसद का आकार रखने अत्यंत महीन यह प्रदूषक कण दिल और फेफड़ों की बीमारी का कारक बन सीधे मौत की वजह तक बन जाते हैं।

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