यूपी और हरियाणा के 20 से अधिक शहरों की हवा हुई जहरीली, यहां पर देखें पूरी लिस्ट
हरियाणा पंजाब और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जिसका असर दिल्ली-NCR पर भी पड़ रहा है। आलम यह है कि इन राज्यों के अपने जिलों की हवा भी सांस लेने लायक नहीं रह गई है।
नई दिल्ली [संजीव गुप्ता]। सर्दियों की दस्तक और पराली के धुएं ने दिल्ली-एनसीआर सहित देश के 28 शहरों को अपनी चपेट में ले लिया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की ओर से जारी एयर इंडेक्स में 22 शहरों की हवा खराब और 6 की बहुत खराब श्रेणी में चल रही है। हैरत की बात यह कि 15 जिले अकेले हरियाणा के हैं, जबकि आठ उत्तर प्रदेश और दो राजस्थान के हैं।
सफर इंडिया के मुताबिक, हवा में नमी बढ़ गई है, जबकि उसकी गति कम हो गई है। ऐसे में प्रदूषक तत्व वातावरण में जमने लगे हैं। सुबह के समय हल्की धुंध होने और दिन में कई बार बादल छाने पर स्मॉग भी देखने को मिलने लगा है। हालांकि हवा की दिशा बदलने और उसकी गति बढ़ने से अगले कुछ दिनों तक हवा की गुणवत्ता में आंशिक सुधार होने की संभावना है, लेकिन अगले सप्ताह फिर से हवा बिगड़ने लगेगी।
विचारणीय पहलू यह भी है कि हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में पराली जलाने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जिसका असर दिल्ली पर भी पड़ रहा है। इन राज्यों के अपने जिलों की हवा भी सांस लेने लायक नहीं रह गई है। आलम यह है कि उत्तर प्रदेश के बागपत सहित हरियाणा के पांच जिले पानीपत, जींद, हिसार, फतेहाबाद और चरखी दादरी तो इस समय रेड जोन में चल रहे हैं।
हरियाणा व पंजाब में 357 जगहों पर जलाई गई पराली
सफर इंडिया के मुताबिक, 13 अक्टूबर को हरियाणा व पंजाब में 357 जगहों पर पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं। लेकिन, हवा की दिशा अनुकूल नहीं होने के कारण उसका असर ज्यादा असर नहीं पड़ा।
पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने बुधवार को पंजाब, हरियाण व उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ बैठक की। इसमें पराली के प्रबंधन और प्रदूषण रोकने के लिए किए गए उपायों की समीक्षा की। इस दौराना तीनों राज्य सरकारों ने अपनी रिपोर्ट पेश की। इस पर ईपीसीए ने तीनों राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि किसानों को पराली के प्रबंधन के लिए सभी जिलों में अविलंब मशीनें उपलब्ध कराई जाएं। साथ ही पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए निगरानी व्यवस्था को मजबूत करें और सख्ती से निगरानी करें क्योंकि प्रदूषण बढ़ने पर कोरोना अधिक खतरनाक हो सकता है। पंजाब सरकार के अधिकारियों ने ईपीसीए को बताया कि 12,378 सीएचसी (कस्टम हायरिंग सेंटर) स्थापित करने का लक्ष्य था जिसमें से 11,523 सेंटर स्थापित कर लिए गए हैं। इन सेंटरों से किसानों को पराली के प्रबंधन के लिए मशीनें उपलब्ध कराई जाती हैं। उन्हें जागरूक किया जा रहा है। उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए अलग से हेल्पलाइन की व्यवस्था भी की गई है।
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