Delhi: AAP MLA अमानतुल्लाह की मुश्किलें बढ़ीं, एसीबी ने LG से की दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग
दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi Waqf Board) में अनियमितता करने के कथित आरोप मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खां (MLA Amanatullah Khan) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली वक्फ बोर्ड में मनमाने तरीके से नियुक्तियां करने का आरोप लगा है।
नई दिल्ली [राहुल चौहान]। दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi Waqf Board) में अनियमितता करने के कथित आरोप मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक अमानतुल्लाह खां (MLA Amanatullah Khan) की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने खान को आपराधिक और बदमाश स्वभाव का बताते हुए उपराज्यपाल वीके सक्सेना को पत्र लिखकर उन्हें दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष पद से हटाने की मांग की है।
दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने इस तरह की किसी जानकारी से अनभिज्ञता जताई है। साथ ही यह सवाल भी किया है कि जब दूसरे लोगों पर ऐसे आरोप लगते हैं तो क्या उन्हें हटा दिया जाता है?
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सीबीआई और एसीबी कर रही जांच
नवंबर 2016 में सीबीआई ने वक्फ बोर्ड में कथित अनियमितताओं को लेकर अमानतुल्लाह खां अन्य के खिलाफ आपराधिक साजिश की धाराओं और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम के प्रावधान के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। साथ ही विधायक के खिलाफ एसीबी भी समानांतर जांच कर रही है।
दिल्ली वक्फ बोर्ड में मनमाने तरीके से की नियुक्तियां
दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के सबडिविजनल मजिस्ट्रेट ने नवंबर 2016 में दिल्ली वक्फ बोर्ड में मौजूद और गैर-मौजूद पदों पर खान ने मनमानी और अवैध नियुक्तियों का आरोप लगाते हुए शिकायत की थी। जांच में पर्याप्त सबूत मिलने के दावे किए गए थे, जिसके बाद जांच एजेंसी ने उपराज्यपाल से अभियोजन की मंजूरी मांगी थी। उपराज्यपाल ने एसीबी के साथ-साथ सीबीआई जांच की संस्तुति दे दी थी।
एसीबी ने एलजी को लिखे पत्र ने क्या कहा?
हाल ही में एलजी को लिखे पत्र में विशेष पुलिस आयुक्त (एसीबी) एसके गौतम ने कहा है कि विधायक के आक्रामक व्यवहार के कारण गवाह डरे हुए हैं। वित्तीय गड़बड़ी से संबंधित मामले में जांच का निष्कर्ष वक्फ बोर्ड के बैंक खाते, वक्फ बोर्ड की संपत्तियों में किरायेदारी का निर्माण, वाहनों की खरीद में भ्रष्टाचार और 33 कर्मियों की अवैध नियुक्ति के बारे में पता लगाना है।
विधायक गवाहों को उनके खिलाफ स्वतंत्र रूप से बयान देने से रोक रहा है। इसलिए तब तक इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं की जा सकती है जब तक अमानतुल्लाह वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष के पद पर बने रहेंगे।
उनके खिलाफ 23 आपराधिक मामले दर्ज हैं। एक गवाह ने आरोप लगाया है कि अमानतुल्लाह ने अपने आवास से महत्वपूर्ण दस्तावेज भी गायब कर दिए हैं। जांच अधिकारी ने जांच के दौरान पाया कि मार्च 2019 के दौरान अमानतुल्लाह ने वक्फ बोर्ड में अपने चार संबंधियों (चचेरे भाई) को नियुक्त किया था।